इंटरनेशनल एस्टेरोइड डे 2022 क्या है और क्यों मनाया जाता है | International Asteroid Day in Hindi

2016 में Association of Space Explorers (ASE) के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र ने 30 जून को International Asteroid Day यानी अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस (इंटरनेशनल एस्टेरोइड डे) घोषित किया और हर साल 30 जून को यह दिवस विश्व भर में मनाया जाता है।

International Asteroid Day यानी अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस क्यों मनाया जाता है ?

यह दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा लोगों को Asteroid(एस्टेरोइड) यानी क्षुद्रग्रह के प्रभाव के बारे में जागरूक करने के लिए संस्वीकृत किया गया था। संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य है साल भर में अनेक तरह के आयोजन करके लोगों को क्षुद्रग्रह / उल्का पिंड से होने वाले खतरों के बारे में जागरूक करने का और विश्वभर के लोगों के साथ विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से संवाद करने का।

तुंगुस्का नदी के पास हुआ था विस्फ़ोट

30 जून 1908 को रूस की तुंगुस्का नदी के पास क्षुद्रग्रह से एक बहुत बड़ा विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट को सबसे बड़ा विस्फोट माना जाता है। इस विस्फोट के कारण ही 30 जून को International Day/ अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस मनाने की शुरुआत हुई। 

International Asteroid Day यानी अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस एस्ट्रोफिजिसिस्ट यानी तारा भौतिकविज्ञानी और प्रख्यात संगीतकार Dr Brian May, Apollo 9 astronaut यानी अंतरिक्ष यात्री Rusty Schweickart, फिल्म निर्माता Grig Richarts और B612 फाउंडेशन की अध्यक्ष  Danica Remy द्वारा सह-स्थापित किया गया था।

International Asteroid Day यानी अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस मनाने  का क्या महत्व है?

इस दिवस की स्थापना लोगों को क्षुद्रग्रह के महत्व, उनका सौर मंडल की रचना में भूमिका, अंतरिक्ष के साधनों पर प्रभाव और हमारे गृह को भविष्य में होने वाले प्रभाव से बचाने के विषय पर जागरूक करना है।

तुंगुस्का की घटना एक बहुत बड़ा विस्फोट था जो रूस में पोडकामेननाया तुंगुस्का नदी के पास 30  जून, 1908  की सुबह हुआ था। कहा जाता है कि इस भयानक विस्फ़ोट से 8 करोड़ पेड़ जल गए थे और कुछ प्रत्यक्षदर्शी रिपोर्ट्स ये बताती हैं कि इस धमाके में कम से कम तीन लोगों कि मृत्यु हुई थी। जहाँ धमाका हुआ था वो जगह दूरस्थ थी और उस समय सीमित इंस्ट्रूमेंट्स ही उपलब्ध थे, इसलिए इस धमाके की वजह और परिमाण की जो आधुनिक वैज्ञानिक व्याख्या की गयी है वो मुख्यतः इस विस्फोट से हुए नुक्सान के आंकलन और भूगर्भिक अध्ययन पर आधारित है जो कि इस घटना के कई साल बाद किये गए थे ।

बताया जाता है कि 30 June 1908 को सुबह के करीब 07:17 बजे बयकाल झील के उत्तर पश्चिमी पहाड़ियों में रह रहे रूसी निवासी और मूल निवासी evenkis ने आसमान में घूमती हुई नीले से रंग की रौशनी का एक कॉलम देखा जो सूरज जैसा चमकदार था।  करीब 10 मिनट बाद वहां एक फ़्लैश हुआ और तोपखाने की आग की आवाज़ जैसी एक आवाज़ आई।  इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी यह बताते हैं कि इस विस्फ़ोट की आवाज़ें और shock waves (झटके की लहर) इतनी  भयानक थी कि कुछ लोग तो दूर जाकर गिरे और करीब 100  किलोमीटर दूर स्थित खिड़कियां भी टूट गयीं। 

एस्टेरोइड (क्षुद्रग्रह) क्या होता है ?

क्षुद्रग्रह आमतौर पर क्षुद्रग्रह बेल्ट में पाए जाते हैं जो सौरमंडल में मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच पाया जाने वाला एक क्षेत्र है। ऐस्टरॉइड्स वे चट्टानें होती हैं जो ग्रह के साथ सूरज के चक्कर काटती हैं। ये आमतौर पर क्षुद्रग्रह बेल्ट में पाए जाते हैं, जो सौरमंडल में मंगल एवं बृहस्पति ग्रह के बीच पाया जाता है।  पहले क्षुद्रग्रह की खोज सन 1801 में खगोलशास्त्री गुइसेप पियाज़ी द्वारा की गयी थी। क्षुद्रग्रह के टूटकर पृथ्वी पर गिरने से बड़ा नुकसान हो सकता है।

100x डेक्लरेशन क्या है ?

शुरुआत में 2014 में एस्टेरोइड डे एजुकेशन प्रोग्राम्स को लॉन्च करने के लिए  एस्टेरोइड समुदाय के सदस्यों ने एक पेटिशन तैयार और प्रकाशित की।  यह पेटिशन एस्टेरोइड (क्षुद्रग्रह) एजुकेशन के पक्ष में  जनता का समर्थन पाने के लिए प्रकाशित की गयी थी और सरकारों से यह अपील की गयी कि वे एस्टेरोइड की खोज करने वाले प्रोग्राम्स की फंडिंग को समर्थन दें। इस पेटिशन को 100x डिक्लेरेशन कहते हैं।  इसे  दुनिया के कई प्रमुख व्यक्तियों ने साइन किया।  इन व्यक्तियों में कई विज्ञान, प्रौद्योगिकी और बिज़नेस के लीडर्स और 125 से ज़्यादा एस्ट्रोनॉट्स शामिल हैं। 

जब 2014 दिसंबर  में यह डिक्लेरेशन हुआ था,उस समय तक तक ऐसा माना जा रहा था कि करीब 1 मिलियन(70 diameter (व्यास) के करीब ) पृथ्वी की करीब एस्टेरॉइड्स हैं जो भविष्य में धरती को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं  और केवल 1% एस्टेरॉइड्स का ही पता लग पाया है।

इस डेक्लरेशन को केवल विशेषज्ञ ही नहीं बल्कि आम व्यक्ति भी साइन कर सकता है। आज की तारीख में करीब 22,000 निजी नागरिकों ने इस डेक्लरेशन को साइन किआ हुआ है। 

इस डेक्लरेशन की शुरुआत तो पृथ्वी के करीब एस्टेरॉइड्स की खोज करने के लिए हुई थी लेकिन आज ये एक वैश्विक मूवमेंट बन चुका है जिसका उद्देश्य है इस रोकने योग्य प्राकृतिक आपदा के बारे में जागरूकता फैलाना। 

वैश्विक आयोजन

Asteroid डे पर हर साल 30 जून या उसके करीब किसी दिन वैश्विक आयोजन  किये जाते हैं।  ये आयोजन दुनिया भर में संग्रहालयों, अंतरिक्ष एजेंसियों, विश्वविद्यालयों आदि द्वारा  हर उम्र के लोगों लिए और ज़्यादातर मुफ्त में किये जाते हैं।  इन आयोजनों  में भाषणों  से लेकर  शार्ट स्टोरी प्रतियोगिता, लाइव कंसर्ट्स आदि किये जाते हैं।

International Asteroid Day यानी अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस का लक्ष्य

1. सरकारों और परोपकारी संगठनों की मदद से, उपलब्ध तकनीकों द्वारा पृथ्वी के करीब एस्टेरॉइड्स, जो पृथ्वी को नुक्सान पहुंचा सकते हैं, उनका पता लगाना और उन्हें ट्रैक करना।

2. अगले 10  सालों के भीतर इन एस्टेरॉइड्स को खोजने और ट्रैक करने के लिए तीव्र 100  गुना तेज़ी।

3. एस्टेरोइड डे को पूरे विश्व द्वारा अपनाया और मनाया जाना, एस्टेरोइड से होने वाले नुक्सान के बारे में जागरूकता फैलाना और कैसे हम इसके प्रभाव से बच सकते हैं यह लोगों को बताना।

एस्टेरोइड से जुड़े हुए अंग्रेज़ी शब्द और उनका हिंदी अनुवाद

Asteroidक्षुद्रग्रह
United Nationsसंयुक्त राष्ट्र
International Asteroid Dayअंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस
Geological Studyभूगर्भिक अध्ययन
Shock wavesझटके की लहर
Philanthropic Organizationsपरोपकारी संगठन
एस्टेरोइड से जुड़े हुए अंग्रेज़ी शब्द और उनका हिंदी अनुवाद

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FAQ’s

Q. एस्टेरोइड (क्षुद्रग्रह) क्या होता है ?

Ans: ऐस्टरॉइड्स वे चट्टानें होती हैं जो ग्रह की साथ सूरज के चक्कर काटती हैं।

Q. पहले क्षुद्रग्रह की खोज कब  की गयी ?

Ans: पहले क्षुद्रग्रह की खोज सन 1801 में की गयी थी। 

Q. पहले क्षुद्रग्रह की खोज किसके द्वारा  की गयी ?

Ans: पहले क्षुद्रग्रह की खोज खगोलशास्त्री गुइसेप पियाज़ी द्वारा कि गयी। 

Q. सबसे बड़ा क्षुद्र ग्रह कौन सा है?

Ans: सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह (asteroid) है सीरीज (Ceres)।

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