योग दिवस क्या है, क्यों मनाया जाता है और योग का अर्थ क्या है | What is International Yoga Day in Hindi

21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग ने मात्र भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में करोड़ों लोगों के जीवन को बहुत खूबसूरती से बदला है। आज घरो में, पार्क में, योग सेंटरों में ना जाने कितने लोग योग अभ्यास करते हुए मिलते हैं। आम आदमी से लेकर विख्यात हस्तियों के बीच भी योग काफ़ी प्रचलित हो चुका है। बहुत से लोग तो अपने अच्छे स्वास्थ्य का पूरा श्रेय सिर्फ योग को ही देते हैं। योग गुरु बाबा रामदेव जी ने भारत में और पूरे विश्व में योग का महत्व इस तरह से समझाया कि आज हर दूसरे घर में एक ना एक व्यक्ति योग ज़रूर करता है।

बहुत से ऐसे व्यक्ति हैं जो दूसरे देशों से भारत सिर्फ योग सीखने के लिए आ रहे हैं और इसके बाद अपने देशो में वापिस जाकर इस अनमोल ज्ञान को दूसरों के साथ बाँट रहे हैं। भारत का वैसे तो विश्व में बहुत योगदान रहा है लेकिन एक अनमोल तोहफा जो भारत ने पूरे विश्व को दिया है वो है “योग”।

योग गुरु बाबा रामदेव जी कहते हैं, “योग से बड़ा कोई ऐश्वर्य नहीं, योग से बड़ी कोई सफलता नहीं और योग से बड़ी कोई उपलब्धि नहीं।” यह बात 100 प्रतिशत सच है क्योंकि जो भी व्यक्ति निरंतर योग करता है वो शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से स्वस्थ रहता है और ये बात तो हम सभी जानते हैं  कि जो व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है उसका जीवन उज्जवल होता है।

कोरोना काल के इस भयावह समय में तो योग का महत्त्व और भी ज़्यादा बढ़ गया है। स्वयं को जानना बहुत महत्त्वपूर्ण हो गया है। इस समय ने हम सभी को यह सीख दी है कि हमे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना पड़ेगा और हर वो कोशिश करने पड़ेगी जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो। स्वस्थ रहने के लिए योग से बेहतर तरीका तो हो ही नहीं सकता।

विश्व ने योग के महत्व को समझा और इसलिए अब हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

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अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस या इंटरनेशनल डे ऑफ योगा क्या है और क्यों मनाया जाता है ?

अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस या इंटरनेशनल डे ऑफ योगा हर साल 21  जून को मनाया जाता है। योग दिवस का आधिकारिक नाम ‘अन्तररो योग दिवस’ है। यह पहली बार 21 जून 2015  में मनाया गया था।  इस दिवस को मनाने  की अपील  माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में  27 सितंबर 2014 को की थी। इसके बाद, संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत अशोक कुमार मुखर्जी द्वारा ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ पर एक मसौदा पेश किया गया और 11 दिसंबर 2014 को 177  देशों की पूर्ण बहुमत के साथ इसे समर्थन दिया गया। ऐसा पहली बार हुआ कि किसी मसौदे (ड्राफ्ट) को 177 देशों का समर्थन मिला। 

वर्ष 2021 में योग दिवस की थीम

हर साल योग दिवस में एक थीम रखी जाती है।  इस साल कोरोना के चलते मानसिक और शारीरिक तंदरुस्ती को ध्यान में रखते हुए इस दिवस की थीम रखी गयी है “योग फॉर वेलनेस” यानी लोगों के मानसिक और शारीरिक कल्याण के लिए योग।

योग दिवस मनाने के लिए 21 जून की तरीक क्यों चुनी गयी?

आप लोगों के मन में यह सवाल उठ रहे होंगे कि यह दिवस मनाने के लिए 21 जून को ही क्यों चुना गया।  यह दिन बहुत सोच समझकर चुना गया है। साल भर में 21 जून का दिन वो दिन होता है जो पूरे साल में सबसे लम्बा होता है।  इस दिन में सबसे ज़्यादा ऊर्जा होती है और योग करने के कई लाभ मिलते हैं। यह दिन योग और अध्यात्म के लिए बहुत अच्छा माना जाता है और इसीलिए इस दिन को यह दिवस मनाने के लिए चुना गया है।

योग दिवस में भारत ने बनाये वर्ल्ड रिकॉर्ड

पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस माननीया प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 84 देशों के गणमान्य व्यक्तियों के साथ राजपथ पर मनाया।सभी  ने योग के 21 आसन किये। इसमें 35,985 लोगों ने भाग लिया और 84 राष्ट्रों के व्यक्तियों ने भाग लिया और इस तरह भारत ने 2 वर्ल्ड रिकार्ड्स बनाएं।

योग का अर्थ क्या है ?

योग करने का अर्थ सिर्फ योग आसन करना ही नहीं बल्कि उससे बहुत ज़्यादा बढ़कर है।  योग आसन करना योग का एक पहलू है।योग शब्द संस्कृत के शब्द ‘यूज’ से लिया गया है जिसका अर्थ है जुड़ना। योग का अर्थ है जुड़ना अर्थात मन और शरीर का जुड़ना,आत्मा का परमात्मा से जुड़ना। योग का अर्थ है अपने अनुभव से इस शरीर का ब्रह्माण्ड से मिलन को समझना। ब्रह्माण्ड में जो ऊर्जा है उस ऊर्जा को समझ पाना। अपने आस पास की ऊर्जा को  जब आप अनुभव कर पाते हैं तो उसे योग कहते है। योग का अर्थ है finite और infinite के बीच के कनेक्शन को समझना। जब आप अपने भीतर शरीर के परे जाकर पूरे ब्रह्माण्ड को अपने भीतर समाहित कर पाएं उसे योग कहते हैं।    

योग की शुरुआत कैसे हुई ?

यह कहा जाता है कि योग की शुरुआत किसी भी धर्म की शुरुआत से बहुत पहले ही हो गयी थी। भगवान् शिव को संसार का पहला योगी या आदियोगी माना जाता है। माना जाता है कि हज़ारो साल पहले हिमालय के ऊपरी क्षेत्रों में एक योगी आये। वे कौन थे और कहाँ से आये थे ये कोई नहीं जान पाया। वे कई महीनो तक वहां पर बिना कुछ खाये पिए शांत बैठे रहे। उस समय 7 लोग वहां पर निरंतर उनके (आदियोगी) पास रहे। इन 7 व्यक्तियों को आज ‘सप्त ऋषि’ बुलाया जाता है। आदियोगी ने उन्हें कुछ प्रारंभिक ज्ञान दिया और इन्होने सालों तक उन बताये हुए तरीकों से अभ्यास किया। 21 जून को (समर सोल्स्टिस ) में आदियोगी ने इन सप्तऋषियों को योग का अनमोल ज्ञान दिया और इस तरह योग की शुरुआत हुई। योग के बारे में ज्ञान देने के बाद आदियोगी ने इन सातों सप्तऋषियों को 7 अलग अलग जगह जाकर योग का प्रचार करने को कहा। कहा जाता है कि एक ऋषि मध्य एशिया गए, दूसरे ऋषि उत्तरी अफ्रीका गए, तीसरे ऋषि दक्षिण अफ्रीका गए, चौथे ऋषि दक्षिण पूर्वी एशिया गए, पांचवे ऋषि उनके साथ रहे, छठे ऋषि हिमालय आये और महर्षि अगस्त्य मुनि दक्षिण भारत आये।

ऋषि अगस्त्य मुनि ने कैसे किया भारत में योग का प्रचार?

कहा जाता है कि महर्षि अगस्त्य मुनि कई साल तक जिए।  उन्होंने कई जगहों पर साधना की और बहुत लम्बी यात्रा की।  उन्होंने लोगो को बहुत ही सरल तरीके से अध्यात्म का ज्ञान दिया। 

योग और वेद

कहते हैं कि ॐ ब्रह्माण्ड की ध्वनि है।  ब्रह्माण्ड में इस धवनि से जो शब्द निकले थे उन्हें जोड़कर वेदो में पाया गया है। वेद चार प्रकार के हैं –

  • ऋग्वेद
  • साम वेद
  • अथर्व वेद
  • यजुर्वेद

ये आगे उप वेद में बांटे गए है जो आगे बंटते चले जाते हैं और इन्ही में एक है ‘योग’। 

योग कई प्रकार का है जैसे :

  • ज्ञान योग
  • कर्म योग
  • शिव योग
  • भक्ति योग
  • मंत्र योग
  • राज योग आदि

ऋग्वेद सबसे पुराना वेद है।  यह वेद करीब 8  से 10  साल पुराना वेद है और इस वेद में योग के बारे में लिखा गया है।

महर्षि पतंजलि

महर्षि पतंजलि का योग में बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान है।  उन्होंने योग के 195 सूत्रों को प्रतिपादित किया और इन्हे योग का स्तम्भ माना जाता है।  

उनके द्वारा बताये गए योग के अंग हैं – यम,  नियम, प्राणायाम, आसन, धारणा,प्रत्याहार, ध्यान और समाधि। आज के समय में तीन अंग जो प्रचलन में हैं, वे हैं –

  • प्राणायाम
  • आसन
  •  ध्यान

इस योग दिवस आइये आप भी ये प्रण लीजिये की आप योग के असली अर्थ और महत्व को समझने की कोशिश करेंगे और योग अभ्यास को अपने जीवन का एक हिस्सा बनाएँगे क्योंकि इससे आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। तो उठिये और बढ़ाइए एक कदम योग की तरफ और फिर धीरे धीरे वो दिन भी ज़रूर आएगा जब आप अपने भीतर पूरे ब्रह्माण्ड को अनुभव कर पाएंगे।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से जुड़े कुछ फैक्ट्स

अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव कब लाया गयायोग दिवस का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में 27 सितंबर, 2014 को लाया गया।
योग दिवस का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में किसके द्वारा रखा गयायोग दिवस का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा रखा गया।
योग दिवस प्रस्ताव का समर्थन कितने देशों ने कियायोग दिवस के प्रस्ताव का समर्थन 177 देशों ने किया।
योग दिवस मनाने का ऐलान किस दिन हुआयोग दिवस मनाने का ऐलान महासभा ने 11 दिसम्बर 2014 को किया।
21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवसयह दिन साल का सबसे बड़ा और उर्जावान दिन होता है।
योग दिवस को लेकर भारत के नाम क्या रिकॉर्ड दर्ज है21 जून 2015 को पहला ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया गया। उस वक्त पीएम मोदी के नेतृत्व में करीब 35 हजार से अधिक लोगों और 84 देशों के प्रतिनिधियों ने दिल्ली के राजपथ पर योग के 21 आसन किए थे।
अंतराष्ट्रीय योग दिवस से जुड़े कुछ फैक्ट्स

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FAQ’s

Q. अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है?

Ans: अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है।

Q. योग दिवस मनाना कबसे शुरू हुआ?

Ans: योग दिवस 21, जून, 2015 से मनाना शुरू हुआ।

Q. अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव कौन लेके आया?

Ans: अंतराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने संयुक्त राष्ट्र के सामने रखा और इसे विभिन्न देशों द्वारा समर्थन मिलने के कारण मान लिया गया।

Q. संयुक्त राष्ट्र में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को कितने देशों द्वारा समर्थन मिला?

Ans: अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में 177 देशों द्वारा समर्थन मिला।

Q. योग क्या है

Ans: योग का अर्थ है जोड़ना, यह शरीर को उसकी दिव्य चेतना से जोड़ता है।

Q. 21 जून ही अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में क्यों चुना गया?

Ans: 21 जून साल का सबसे लम्बा दिन होता है और यह बेहद उर्जा से भरा हुआ दिन होता है इसलिए इसी दिन को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चुना गया।

Q. 2021 में योग दिवस की क्या थीम है?

Ans: 2021 में योग दिवस की थीम है ‘योग फॉर वैलनेस’।

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