बासमती चावल क्यों बना भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई का मुद्दा | Why India and Pakistan are Fighting over Basmati Rice in Hindi

‘बासमती चावल’ ये शब्द सुनते ही मानो  बासमती चावल की खुशबू सी आने लगती है। चाहे वो बिरयानी हो, पुलाव हो या सांभर के साथ खाने के लिए चावल, बासमती चावल की बात ही कुछ और है लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है  कि इस बासमती चावल के पीछे भी लड़ाई हो सकती है ? नहीं नहीं घर में खाने की मेज़ पर नहीं बल्कि हम बात कर रहे हैं उस जंग की जो छिड़ चुकी है भारत और पाकिस्तान के बीच हमारे पसंदीदा बासमती चावल के पीछे। 

बासमती चावल का भारत से बहुत पुराना रिश्ता है। इसका ज़िक्र पहली  बार 1766 में ‘हीर राँझा ‘ कविता में किया गया था।  इसके अलावा यूनाइटेड किंगडम हाउस ऑफ़ कॉमन्स की 1874 की रिपोर्ट्स में और  Paris and  Vienna Universal Exhibitions 1867 और 1873 में भी ‘भारतीय बासमती चावल’ का ज़िक्र किया गया था। 

सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि आखिर हमारी इस पसंदीदा बासमती चावल के टाइटल पर मालिकाना हक़ है किसका ? भारत का या पाकिस्तान का?

आपके मन में ये सवाल उठ रहे होंगे कि चावल के पीछे कैसी लड़ाई? क्या बासमती चावल पर भी किसी का मालिकाना हक़ हो सकता है? ये लड़ाई पाकिस्तान और भारत के बीच क्यों हो रही है ?  इन सब सवालों के जवाब आपको यहाँ मिलेंगे। 

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क्या है बासमती चावल और इसका उत्पादन कहाँ होता है ?

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अनुसार Basmati” एक विशेष प्रकार का चावल है जिसका बीज दूसरे चावल के मुकाबले काफी लम्बा और पतला होता है।  यह चावल पकने पर बहुत ही मुलायम होता है और इसका स्वाद भी बहुत अलग और अच्छा होता है।  बासमती चावल की खुशबू और स्वाद दोनों ही अनोखे हैं। इस चावल की पूरी दुनिया में अत्यधिक मांग है।  विशुद्ध बासमती का उत्पादन भारत के गांगीय समतल क्षेत्रों में होता है।  इसका उत्पादन जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हरयाणा आदि में किया जाता है।  बीज अधिनियम , 1966 (Seeds Act, 1966) में 29 प्रकार के बासमती चावल notified हैं।

पाकिस्तान में बासमती चावल का उत्पादन पंजाब प्रोविंस में किया जाता है। 

दुनिया में सबसे अधिक बासमती चावल का उत्पादन कहाँ होता है ?

दुनिया में सबसे अधिक बासमती चावल का उत्पादन भारत में होता है।  बासमती चावल का लगभग  70 % उत्पादन भारत में किया जाता है और बासमती का अबसे अधिक निर्यात करने वाला देश भी भारत ही है। एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का बासमती चावल का निर्यात करीब  38.36 लाख टन है। 2019-2020  में  सबसे अधिक बासमती चावल का निर्यात ईरान, सऊदी अरबिया, इराक और कुवैत आदि को किया गया है।

बासमती चावल भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई का मुद्दा क्यों बन गया है ?

दरअसल भारत ने बासमती चावल के ट्रेडमार्क (प्रोटेक्टेड ज्योग्राफिकल इंडिकेशन)(Protected Geographical Indication) के लिए यूरोपियन यूनियन में जुलाई 2018 में आवेदन दिया था ताकि भारत को इसके टाइटल पर ये मालिकाना हक़ प्राप्त हो सके लेकिन पाकिस्तान ने इस आवेदन का यह कहते हुए विरोध किया है किअगर ये मालिकाना हक़ भारत को दे दिया जाता है तो  पाकिस्तान के कई लोगों की रोज़ी रोटी का एक जरिया ख़त्म हो जायेगा और पाकिस्तान को बहुत नुक्सान झेलना पड़ेगा।  पाकिस्तान के शहर लाहौर में अल-बरकत राइस मिल्स के सह-मालिक गुलाम मुर्तजा ने कहा, “यह हम पर परमाणु बम गिराने जैसा है।” 

भारत का यह आवेदन यूरोपियन यूनियन के शासकीय जर्नल में 11.09.2020 को प्रकाशित हुआ था। 2016 में APEDA (The Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) ने देशिया ज्योग्राफिकल इंडिकेशन के लिए रजिस्टर किया और उसके हक़ में यह ज्योग्राफिकल इंडिकेशन उसे दे दिया गया था जबकि पाकिस्तान ने कभी भी ज्योग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्टर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। 

आपको बता दें कि इस तरह का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच पहली बार नहीं उठा है। पहले भी दोनों देशों के बीच पश्मीना को लेकर भी एक मुद्दा खड़ा हुआ था।  2008 में जब भारत ने यह निर्णय लिया कि वह पश्मीना को domestically रजिस्टर करना चाहता है, उसे ज्योग्राफिकल इंडिकेशन देना चाहता है तब पाकिस्तान ने यह कहकर विरोध किया था कि पश्मीना का उत्पादन पाकिस्तान में भी किया जाता है।  पाकिस्तान ने जब एक संयुक्त ज्योग्राफिकल इंडिकेशन की मांग की तब भारत ने कहा कि यह तभी हो सकता है जब पाकिस्तान यह सिद्ध  कर पाए कि पाकिस्तान की ऊन(wool) की गुणवत्ता भारत के ऊन(wool) की गुणवत्ता के बराबर है और अंत में यह GI भारत के ‘कश्मीर पश्मीना ‘ को दिया गया।

पीजीआई (प्रोटेक्टेड ज्योग्राफिकल इंडिकेशन) (Protected Geographical Indication) का दर्जा मिलने का क्या अर्थ है ?

यह दर्जा उन उत्पादनों को मिलता है, जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है। जीआई का दर्जा उन उत्पादनों की गुणवत्ता को दर्शाता है। यह एक प्रकार का बौद्धिक संपदा अधिकार है जिस से उत्पाद की प्रतिष्ठा बढ़ती है। इस दर्जे को पाने के लिए इसके लिए आवदेन देना पड़ता है।  जैसे भारत की दार्जीलिंग चाय को यह दर्जा  मिला हुआ है। यह दर्जा मिलने के बाद  कोई भी अन्य  देश उस उत्पाद की नक़ल नहीं कर सकता।

अगर भारत को यह दर्जा मिलता है तो इसका यह मतलब होगा कि इस विशेष बासमती चावल  पर पूरा अधिकार सिर्फ भारत का ही होगा और इससे भारत को बहुत फायदा मिलेगा।   

भारत ने यूरोपियन यूनियन में क्या कहा ?

यूरोपियन यूनियन में दिए गए आवेदन में भारत ने यह दावा नहीं किया है कि वह बासमती चावल का उत्पादन करने वाला एकमात्र देश है पर अगर ये आवेदन मान लिया जाएगा तो भारत को इसका एकमात्र PGI स्टेटस मिल जाएगा। बासमती चावल की गुणवत्ता, प्रतिष्ठा और उसकी विशिष्ट विशेषताओं को इस आवेदन का आधार बनाया गया है।

जब Rice Tec Inc ने बासमती को पेटेंट करवाया था

1997 में एक अमरीकन  कंपनी ‘RiceTec Inc’ को US Patent Office द्वारा यह पेटेंट दिया गया था कि वो भारत से बाहर उत्पादित किये जाने वाले  खुशबूदार चावल को ‘बासमती’ कह सकती है। भारत ने इसका विरोध किया था क्योंकि ऐसा करने से भारत को बहुत नुकसान पहुँचता।  यह भी कहा गया था कि ऐसा करना ‘Geographical Indications Act under the TRIPS Agreement’ का उल्लंघन था। 

इस मुद्दे पर यूरोपियन यूनियन ने क्या कहा ?

यूरोपियन यूनियन ने यह कहा है कि यूरोपियन रूल्स के अंतर्गत दोनों ही देशों को एक दूसरे से बात कर इस मुद्दे पर सितम्बर तक एक मैत्रीपूर्ण  समझौते पर पहुँचने की कोशिश करनी चाहिए।

यूरोपियन यूनियन ने भारतीय बासमती पर प्रतिबन्ध क्यों लगाया था ?

2017-18 में यूरोपियन यूनियन ने भारतीय बासमती पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। यह प्रतिबन्ध EU ट्राइजाइलाजोल नामक कीटनाशक की अत्यधिक मात्रा मिलने के कारण लगाया गया था और रसायनों के सम्बन्ध में अपने नियमो को भी बदला था।  इस वजह से भारत को बहुत भारी नुक्सान उठाना पड़ा था और इस मौके का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान ने पिछले तीन वर्षों में यूरोपियन यूनियन को बासमती निर्यात बढ़ा दिया  है।

आपके लिए जानकारी

APEDA की फुल फॉर्म क्या है?कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा)।
TRIPS की फुल फॉर्म क्या है?The Agreement on Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights
APEDA  का मुख्यालय कहा स्थित है?APEDA  का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
APEDA किस अधिनियम के अंतर्गत स्थापित किया गया है ?कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम 1985 के तहत स्थापित किया गया था।
EU की फुल फॉर्म क्या है?European Union (यूरोपियन संघ)
यूरोपियन यूनियन क्या है?यूरोपीय यूनियन 27 देशों का राजनीतिक और आर्थिक समूह है।
Intellectual Property Rights को हिंदी में क्या कहता है ?बौद्धिक सम्पदा अधिकार

यह भी पढ़े :

FAQ’s

Q. बासमती चावल का उत्पादन किस देश में किया जाता है?

Ans: बासमती चावल का उत्पादन भारत और पाकिस्तान में किया जाता है।

Q. बासमती चावल का सबसे ज़्यादा निर्यात कौन सा देश करता है?

Ans: बासमती चावल का सबसे ज़्यादा निर्यात भारत करता है। 

Q. पीजीआई का दर्जा मिलने का क्या अर्थ है?

Ans: यह एक प्रकार का बौद्धिक संपदा अधिकार है जिस से उत्पाद की प्रतिष्ठा बढ़ती है।

Q.बासमती चावल का आर्गेनिक नाम क्या है ?

Ans: इसका वैज्ञानिक नाम है ओराय्ज़ा सैटिवा। 

Q. यूरोपियन यूनियन क्या है?

Ans: यूरोपीय यूनियन 27 देशों का राजनीतिक और आर्थिक समूह है।

Q. पीजीआई का दर्जा किसे मिलता है ?

Ans: यह दर्जा उन उत्पादनों को मिलता है, जिनका एक विशिष्ट भौगोलिक मूल क्षेत्र होता है।

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