भारत का सबसे ऊँचा हर्बल पार्क उत्तराखंड में 11,000 फीट की ऊंचाई | India’s Highest Herbal Park in Uttarakhand in Hindi

भारत में हाल ही में सबसे ऊंचा हर्बल पार्क बना।  यह हर्बल पार्क उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में बना है।  यह हर्बल पार्क 11000 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित है।  रिपोर्ट के अनुसार मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी जी ने बताया की यह पार्क अनेक प्रकार की औषधीय और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण  अल्पाइन प्रजातियों को संरक्षित करने में मदद करेगा और इन प्रजातियों के प्रसार और

परिस्थितिकी पर की जाने वाली स्टडी को भी आसान बनाएगा।

यह हर्बल पार्क Central Government’s Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority (CAMPA) स्कीम (केंद्र सर्कार प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण स्कीम) के अंतर्गत विकसित किया गया है। 

चमोली उत्तराखंड

चमोली उत्तराखंड राज्य का एक बेहद खूबसूरत जिला है। चमोली जिले के उत्तर दिशा में तिब्बत है , पूरब दिशा में पिथौरगढ़ और बागेश्वर  हैं, दक्षिण में अल्मोड़ा है, दक्षिण पश्चिम में पूरी गढ़वाल है , पश्चिम में रुद्रप्रयाग है और उत्तरी दक्षिण में उत्तरकाशी है। चमोली अलकनंदा नदी के समीप बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित है। चमोली का प्रशासनिक मुख्यालय गोपेश्वर में स्थित है।  चमोली का क्षेत्रफल लगभग 8,030  वर्ग कि.मी. है।

चमोली में कई पर्यटक स्थल हैं

चमोली जिला बहुत ही सुन्दर जिला है।  यहाँ घूमने के लिए कई पर्यटक स्थल है। बहुत से पर्यटक हर वर्ष यहाँ घूमने आते है।  बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे पावन स्थल भी यहाँ स्थित हैं।  चमोली में कई बड़े और छोटे मंदिर हैं।

चमोली शब्द का अर्थ

चमोली शब्द का मूल संस्कृत भाषा शब्द चंद्रमोली है।  चंद्रमोली शब्द दो शब्दों को जोड़कर बना है – चंद्र यानी चन्द्रमा और मोलू यानी जो सर पर चन्द्रमा पेहेनते हैं अर्थात भगवान् शिवा। चमोली में हिंदी और गढ़वाली भाषा का प्रयोग होता है।

माणा गांव, चमोली, उत्तराखंड

माणा गांव उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है।  यह गाँव  3200 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।  माणा माणा पास से पहले का आखिरी गाँव है और यह गाँव भारत और तिब्बत के बॉर्डर से 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 

माणा गांव में हिंदी और गढ़वाली भाषा बोली जाती है।  यह एक छोटी सी गुफा है जिसका नाम व्यास गुफा है और ऐसा माना जाता है कि इस गुफा में महर्षि व्यास ने महाभारत लिखी थी।  कई पर्यटक हर वर्ष इस गुफा को देखने आते हैं। 

हर्बल पार्क को विकसित करने में लगे तीन साल

रिपोर्ट्स के अनुसार यह पार्क विकसित करने में तीन साल का समय लगा है और यह हर्बल पार्क 3 एकड़ तक फैले हुए क्षेत्र में बनाया गया है।  हर्बल पार्क बनाने के लिए यह क्षेत्र Research Wing of Uttarakhand Forest Department (उत्तराखंड वन विभाग के अनुसंधान विंग) द्वारा दिया गया है। 

हरबल पार्क में किस प्रकार की प्राजातियां पाई जाएंगी

हर्बल पार्क 4 वर्गों में विभाजित किया गया है जो नीचे दिए हुए है :

पहला वर्गइस वर्ग में वो प्रजातियां होंगी जो भगवन विष्णु से समबन्धित हैं जैसे बद्री तुलसी, बद्री वृक्ष, भोजपत्र आदि। 
दूसरा वर्गइस वर्ग में अष्टवर्ग प्रजातियां मिलेंगी।  अष्टवर्ग का अर्थ है आठ जड़ी बूटियों का समूह, जो हिमालयी क्षेत्र में पाया जाता है जैसे रिद्धि, वृद्धि, काकोली, मैदा, जीवक आदि।
तीसरा वर्गइस वर्ग में सौसुरिया प्रजातियां होंगी जैसे ब्रह्मकमल, कूट, नीलकमल और फेमकमल।
चौथा वर्गइस वर्ग में मिश्रित अल्पाइन प्रजातियां होंगी जैसे अतीश, वनककड़ी आदि। 

कुछ प्रजातियों के वैज्ञानिक नाम नीचे दिए गए हैं

1.ब्रह्मकमलSaussurea Obvallata 
2.नील कमलSaussurea Graminifolia
3.फेमकमलSaussurea Simpsoniana
4.रिद्धिHabenaria Intermedia
5.काकोलीFritillaria रोयली
6.मैदाPloygonatum Cirrhifolium

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FAQ’s

Q. भारत का सबसे ऊंचा हर्बल पार्क कहाँ स्थित है ?

Ans: भारत का सबसे ऊंचा हर्बल पार्क उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गाँव में स्थित है।

Q. माणा में विकसित हर्बल पार्क कितनी ऊँचाई पर स्थित है ?

Ans: माणा में विकसित हर्बल पार्क 11000 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित है। 

Q. चमोली जिले में कौनसी भाषा बोली जाती है ?

Ans: चमोली जिले में हिंदी और गढ़वाली बोली जाती है।

Q. चमोली कहाँ स्थित है ?

Ans: चमोली उत्तराखंड में स्थित एक जिला है।

Q. माणा गाँव कहाँ स्थित है ?

Ans: माणा गांव उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है।

Q. हर्बल पार्क को विकसित करने में कितने साल लगे ?

Ans: हर्बल पार्क को विकसित करने में तीन साल लगे।

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