यदि आप किताबें नहीं पढ़ते हैं तो आज ही किताबें पढ़ना करें शुरू | Why Should You Read Books in Hindi

हम सब ने अक्सर लोगों को यह कहते सुना ही होगा कि किताबें एक व्यक्ति की बहुत अच्छी दोस्त होती हैं।  यह बात बिलकुल सही है कि किताबें इंसान की बहुत अच्छी दोस्त बन स्वयं भी किताबें लिखीं । उधारणतः हम सबके चहेते ‘मिसाइल मैन’ अर्थात स्वर्गीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम  जी, बिल गेट्स, महात्मा गांधी आदि ऐसे कई प्रसिद्द व्यक्ति हैं जिन्हे किताबों से प्रेम रहा है। किताबें उस बस,  ट्रेन या हवाई जहाज़ की तरह है जो आपको इस दुनिया  में नहीं बल्कि किसी और ही दुनिया में ले जाती हैं ।  

स्वर्गीय कलाम जी ने भी उनके द्वारा लिखी गयी किताब ‘ माय जर्नी ‘ के एक पूरे अध्याय में अपनी सबसे पसंदीदा किताबों के बारे में लिखा है । वे इस अध्याय में लिखते हैं कि उन्हें यह जानकर बहुत ख़ुशी मिलती है कि लोग किताबें पढ़ने में रूचि रखते हैं क्योंकि किताबें एक व्यक्ति को अमूल्य गुणों का दान देती हैं और इस आदत को जितना बढ़ावा दिया जाये उतना कम है।  वे यह भी बताते हैं कि कैसे किताबें उनकी बहुत अच्छी दोस्त रही हैं, कैसे किताबों ने उनका मार्गदर्शन किया और कैसे उन्हें किताबों के माध्यम से इस दुनिया को समझने में मदद मिली।

किताब पढ़ने की आदत एक ऐसी आदत है जिससे एक व्यक्ति कभी ऊब नहीं सकता । किताब पढ़ते पढ़ते कब समय गुज़र जाता है ये उस व्यक्ति से पूछिए जो किताबों के बिना रह नहीं सकता । यदि आप किताबें नहीं पढ़ते हैं तो आज ही किताबें पढ़ना शुरू करें । क्यों? आइये जानते है किताबें पढ़ना क्यों करें शुरू?

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किताबें व्यक्ति को तनाव मुक्त रखती हैं

जी हाँ, आपने सही पढ़ा। आज के समय में जहाँ हर दूसरा व्यक्ति किसी ना किसी वजह से तनाव का शिकार बन बैठा है, ऐसे में एक अच्छी किताब उसको तनाव से खींचकर एक अलग ही दुनिया की सैर करा देती है। चाहे व्यक्ति अपनी नौकरी से परेशान हो या फिर उसके निजी रिश्तो में कोई भी परेशानी हो, वो उस किताब में खो कर सब भूल जाता है । यदि आप किसी भी प्रकार का तनाव महसूस कर रहे हैं तो एक अच्छी किताब उठाकर तो देखें, आपको खुद इस बात का एहसास होगा कि उस किताब को पढ़ते हुए कैसे आप अपना तनाव भूल बैठेंगे ।

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किताबें स्मरण शक्ति बढ़ने में मदद करती हैं

अक्सर होता है कि हम यह भूल जाते हैं कि कुछ समय पहले क्या हुआ था।  हमे बातें याद रखने में मुश्किल होती है । कई बार तो हम ये भी भूल जाते हैं कि थोड़ी देर पहले हमने बात क्या की थी या सामने वाले ने अपना नाम क्या बताया।  हर व्यक्ति एक अच्छी स्मृति की चाहत रखता है । बादाम खाकर अपनी स्मरण शक्ति बढ़ाने वाले नुस्खे से सब वाकिफ हैं ही लेकिन अगर कोई ऐसी जादुई वस्तु आपको दे दी जाये जो स्मरणशक्ति बढ़ाने के साथ आपका मनोरंजन भी कर दे तब तो आप भी इस बात से मुकरेंगे नहीं की यह तो सोने पर सुहागा ही हो जाएगा । किताब वही जादुई वस्तु है जो मनोरंजन के साथ साथ आपकी स्मरणशक्ति भी बढाती है क्यूंकि एक किताब में कई पात्र होते हैं, कहानियां होती हैं और ये सब पढ़ते पढ़ते आप इन्हे स्मरण करने का निरंतर प्रयास करते हैं, इससे आपका दिमाग भी सक्रिय रहता है और आपकी स्मरणशक्ति भी बढ़ती है।

किताबें व्यक्ति को एकाग्र रहने में मदद करती हैं

कई बार आपने बहुत से लोगों को यह कहते हुआ सुना होगा  “यार मैं अपने काम में फोकस ही नहीं कर पा रहा हूँ ।“  आजकल लोग एक ही समय में इतने काम कर रहे होते हैं कि अपने किसी भी काम में  एकाग्रता लाना उनके लिए बेहद मुश्किल हो जाता है।  वो एकाग्रता से काम करने के कई तरीकें ढूढंते रहते हैं । 

इंटरनेट की इस दुनिया में एक ही समय पर एक व्यक्ति का ध्यान व्हाट्सअप, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इ-मेल, इंस्टाग्राम हर जगह होता है और कहीं एक जगह ध्यान देना मुश्किल हो जाता है।  इंटरनेट का प्रयोग करना गलत नहीं है, अच्छी बात है पर इस तरह नहीं कि आप एकाग्रता ही खो दें क्योंकि एकाग्रता खो देने से व्यक्ति उत्पादकता भी खो देता है जो परेशानी का विषय है ।

 किताब पढ़ते समय पाठक का ध्यान सिर्फ और सिर्फ उस किताब पर होता है और वो बाकी सब कुछ भूल जाता है।  जब किताब पढ़ने में व्यक्ति रूचि लेने लगता है तो यकीन मानिये उसका समय कहाँ गुज़र जाता है उसे पता ही नहीं चलता।  एक ओर ध्यान लगाने से व्यक्ति एकाग्र रहता है।  कभी अपने ऑफिस का काम करने से पहले थोड़ी देर किताब पढ़कर देखिये,आप यह पाएंगे कि आप अपने काम पर बेहतर तरीके से फोकस कर सकेंगे। 

Why You Should Read Books

किताबें प्रबोधन का स्त्रोत है

प्रतिदिन किताबें पढ़ने की आदत डालें और आपको स्वयं इस बात का आभास होगा कि किताबें आपके व्यक्तित्व को कितनी खूबसूरती से बदलती हैं । लेकिन ये बात ध्यान में रखने की ज़रूरत है कि किताब पढ़ने का यह मतलब नहीं है कि कोई भी किताब पढ़ ली जाये ।  ऐसी किताबें पढ़िए जिन्हे पढ़कर ज्ञानवृद्धि हो, ऐसी किताबें जो आपके जीवन को और सुखद बनाएं । 

हमेशा ध्यान रखिये की हमारा मस्तिष्क एक बागीचे की तरह है। जिस तरह बागीचे में सुन्दर सुन्दर फूल लगाने से वो सौंदर्य और खुशबू से भर जाता है, उसी तरह अच्छी किताबें पढ़ने से हमारा मस्तिष्क भी सही दिशा की ओर बढ़ता है । इसका यह मतलब नहीं है कि आपको मनोरंजन के लिए किताबें नहीं पढ़नी चाहिए, बस यह आपको तय करना होगा किस समय आपके मन और मस्तिष्क को क्या पढ़ने और समझने की ज़रूरत है ।  किताबें कई बार आपकी कई परेशानियों का हल आसानी से निकाल देती हैं।  उधारणतः प्रेरक और आध्यात्मिक किताबें पढ़ने से आप खुद में बदलाव महसूस करेंगे, आपकी सोच सकारात्मक रहेगी, जीवन व्यापन की एक नयी दिशा मिलेगी और आपका ज्ञान भी बढ़ेगा ।  ज्ञान बढ़ने और बांटने से जो ख़ुशी मिलती है उसकी बात ही अनोखी है ।

तो आइये दोस्तों आप लोग भी सवार हो जाइये इस किताब नामक विमान में जो आपको एक ऐसी दुनिया की सैर कराएगा जो आपने कभी न देखी होगी और न ही कभी सोची होगी । प्रतिदिन तीस मिनट किताब पढ़ना शुरू तो कीजिए, यकीन मानिये किताबों से आपकी ऐसी दोस्ती हो जाएगी कि आपको कभी यह कहना ही नहीं पड़ेगा ‘अरे बहुत बोर हो रहा हूँ, समझ नहीं आ रहा समय कैसे काटूँ?” इस कोरोनाकाल  में तो किताबें पढ़ना और भी ज़्यादा  महत्वपूर्ण हो गया है क्यूंकि हर जगह लोग मानसिक तनाव से गुज़र रहे हैं, समझ नहीं पा रहे की समय काटे कैसे। इसीलिए इस कोरोनाकाल में किताबें आपकी और भी ज़्यादा अच्छी दोस्त बन सकती हैं । 

वो कहते है न किताबों के बिना एक कमरा आत्मा के बिना एक शरीर जैसा है । चलिए अपने कमरे में भी एक छोटी सी जगह किताबों के लिए बनान शुरू करते हैं। 

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FAQs

Q. कैसी किताब पढ़ना शुरू करें ?

Ans: जिस किताब में सरल भाषा का प्रयोग किया गया हो, ऐसी किताब पढ़ना शुरू करें । 

Q. कितने समय के लिए किताब पढ़ना शुरू करें?

Ans: आप हर रोज़ 15 से 20  मिनट किताब पढ़ने शुरू कर सकते हैं ओर धीरे धीरे इस समय को अपनी इच्छा अनुसार बढ़ा सकते हैं । 

Q. किताब पढ़ना ज़रूरी क्यों हैं?

Ans: किताबें पढ़ने से ज्ञानवृद्धि होती है, पाठक का व्यक्तित्व निखरता है और उसे एक नया परिप्रेक्ष्य मिलता है। 

Q. क्या किताबें पढ़ने के कोई नुक्सान भी है?

Ans: नहीं, किताबें पढ़ने के सिर्फ फायदे ही फायदे हैं, कोई नुकसान नहीं है।  किताबें पढ़कर एक व्यक्ति बेहतर इंसान बनता है। 

Q. क्या किताब पढ़ने से तनाव दूर हो सकता है?

Ans: हाँ, तनाव दूर करने का एक बहुत अच्छा तरीका है किताब पढ़ना। किताबें पाठक का ध्यान एक ही और केंद्रित रखती हैं और उसे कुछ और सोचने का समय नहीं मिलता। किताब उस अच्छी दोस्त की तरह है जिसके साथ रहते समय आप अपनी सारी परेशानियाँ भूल जाते हैं। 

Q. किताब पढ़ना कब शुरू करें ?

Ans: किताब पढ़ना शुरू करने के लिए बिलकुल भी देरी ना करें। आज ही किताबें पढ़ना करें शुरू।

Q. किताब कितनी देर के लिए पढ़नी चाहिए ?

Ans: किताब पढ़ने के लिए कोई समय सीमा नहीं है।आपका जब मन करे आप किताब पढ़ सकते हैं लेकिन कोशिश करिये कि आप हर दिन आधे घंटे के लिए किताब पढ़े।

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