नागासाकी दिवस 2022 क्या है कब मनाया जाता है | What is Nagasaki Day in Hindi

 9 अगस्‍त इस विश्व के लिए वो काला दिवस था जब अमेरिका ने अपनी ताकत दिखाने के लिए एक ऐसा काम किया था जिसे भूलने के लिए शायद सदियां भी कम पड़ जाएंगी। द्वितीय विश्‍व युद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला किया था। ०६ अगस्त 1945  को हिरोशिमा पर अमेरिका ने पहला परमाणु बम गिराया। 

इसका नाम लिटिल ब्‍वॉय(little  boy) था। अमेरिका ने नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम ०९ अगस्त 1945  को गिराया और परमाणु बम का नाम उसने फैट ब्‍वॉय रखा था। हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमले में करीब 1,29,000  और  226,00 0 के बीच  लोग मारे गए थे।

अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के शहर नागासाकी को अपना शिकार बनाया। आज नागासाकी दुनिया का दूसरा और आखिरी शहर है जिसने परमाणु हमला झेला है।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने ब्रिटेन के साथ हुए क्यूबेक समझौते के तहत पहले जापान के हिरोशिमा और 3 दिन बाद यहां के एक और शहर नागासाकी पर परमाणु बम गिराया था। नागासाकी पर अमेरिका ने जो परमाणु बम गिराया था, उसका कोडनेम(code  name ) फैट मैन था।

साल 1945-1949 तक अमेरिका ने फैट मैन की 120 यूनिट्स तैयार की थीं। फैटमैन जिसका वजन 4,670 किलोग्राम था, उसमें करीब 6.4 किलोग्राम प्लूटोनियम का प्रयोग किया था। इतने प्लूटोनियम की वजह से ही फैटमैन हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम लिटिल ब्वॉय से कहीं ज्यादा खतरनाक था।

अमेरीका (America) ने 9 अगस्त को नागासाकी (Nagasaki) में परमाणु बम (Atom Bomb) गिराया था। इस हमले में हजारों लोग एक ही झटके में मारे गए थे और उससे भी ज्यादा उस बम के कारण हुए विकिरणों से आज भी यहां लोग मर रहे हैं। इस घटना को हुए आज 75 साल हो चुके हैं। आज Nagasaki Day पर हम आपको उस दिन की पूरी कहानी बताएगें।

Table of Contents

अमेरिका नागासाकी पर परमाणु बम  क्यों गिराना चाहता था

अगस्त, 1945 को नागासाकी पर परमाणु बम (Atomic Bomb On Nagasaki) गिराया गया था लेकिन सच तो ये है कि अमेरिका का  नागासाकी पर परमाणु हमला तय नहीं था। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमरीका, जापान के औद्योगिक नगर कोकुरा (Japan’s Industrial City Kokura) पर बम गिराना चाहता था। ये शहर गोला-बारूद बनाने वाली फैक्टरियों से भरा हुआ था। अमेरिका यहां बम इसलिए गिराना चाहता था क्योंकि उसे पता था कि यहां बम फटा तो नुकसान ज्यादा होगा।

अमेरिका ने नागासाकी पर परमाणु बम कैसे गिराया

8 अगस्त, 1945 की रात अमेरिका के Bomber B-29 Superfortress बॉक्स परमाणु बम के साथ तैयार था। ये बम 4050 किलो था जिसका नाम ‘फ़ैट मैन’ (‘Fat Man’) रखा गया था। 9 अगस्त, सुबह 9:50 पर बी-29 कोकुरा शहर (Kokura City) के उपर मंडराने लगा था।

विमान इस समय शहर से 31,000 फीट की ऊँचाई पर उड़ रहा था और बम गिरने के लिए तैयार था तभी पायलट ने देखा कि शहर के ऊपर बादल छाए हुए थे। बी-29 ने एक बार फिर शहर का चक्कर लगाया लेकिन शहर पर बादल तब भी बने हुए थे। इस दौरान बी-29 का ईंधन तेजी से घटता जा रहा था। विमान में सिर्फ़ वापिस लौटने तक का ही  ईंधन बचा था।

इसके बाद चालक दल को संदेश मिला की वो कोकुरा की जगह नागासाकी (Nagasaki) में बम गिरा दें। उस वक्त घड़ी में 11 बजकर 2 मिनट हो रहा था। ‘फ़ैट मैन’ (Fat Man) को शहर पर गिरा दिया गया। 52 सेकेण्ड तक गिरते रहने के बाद बम पृथ्वी तल से 500 फ़ुट की उँचाई पर फट गया और आग का एक भीमकाय गोला मशरुम की शक्ल में उठा। बम के फटते ही पूरा शहर एक झटके में राख हो गया। आसमान से ‘काली बारिश’ होने लगी और चारो तरफ लाशों के ढ़ेर लग गए।

हालांकि पहाड़ों से घिरे होने के कारण नागासाकी के केवल 6.7 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में ही तबाही फैल पाई लेकिन इसमें कई हज़ारों लोगों की मृत्यु  हो गई।

अमेरिका ने हमले का क्या कारण बताया

अमरीका (America) की माने तो हमले की मुख्य वजह जापान (Japan) का सरेंडर से इनकार करना था। लेकिन जानकारों का कहना है कि इसकी जरूरत नहीं थी।

रिपोर्ट के मुताबिक एशिया में द्वितीय युद्ध (Second World War) की खात्मा औपचारिकता रह गई थी जबकि इससे तीन महीने पहले ही यूरोप में यह युद्ध खत्म हो चुका था और उसके एक महीने पहले से ही जापानी सेना पीछे हटने लगी थी। लेकिन साल 1945 में जापान और अमेरिका (Japan And America) के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था क्योंकि जापान ने इंडोचायना इलाके पर कब्जा करने की नीति अपनाई और यह अमेरिका को को रास नहीं आया। 

उस वक्त अमेरिका के राष्ट्रपति हैरी ट्रयूमैन (President Harry Truman) को परमाणु बम के उपयोग का अधिकार मिल चुका था।  6 अगस्त 1945 को सुबह 8.15 बजे बी29 बॉम्बर एनोला गे ने लिटिल बॉय (B29 Bomber Enola Gay Little Boy) नाम का परमाणु बम हिरोशिमा पर गिरा दिया। जब ये बम गिरा शहर पर गिराया गया उस वक्त शहर के बहुत सारे लोग काम पर जा रहे थे और बच्चे भी स्कूल जा रहे थे। इसी वक्त शहर के सेंटर में ये बम गिरा और एक झटके में एक भारी संख्या में  लोग मारे गए।

इतिहासकार एलपरोजित्ज (Historian Elporitz) ने साल 1965 में अपने किताब में इसके बारे में लिखा कि अमेरीका सोवियत संघ (The Soviet Union) से शक्ति के मामले में आगे निकलना चाहता था औऱ ये बम गिराकर वो अपना ‘शक्ति प्रदर्शन’ कर रहा था।

हमले के लिए हिरोशिमा और नागासाकी को ही  क्यों चुना

हिरोशिमा (Hiroshima) में बम गिराने के तीन दिन बाद ही एक और परमाणु बम नागासाकी (Nagasaki) के ऊपर सुबह 11 बजे गिराया जिसमें 40 हजार लोग मारे गए। इन दोनों शहरे में बम गिराने की वहज ये बताई जाती है कि अमेरिका को राष्ट्रपति हैरी ट्रयूमैन (President Harry Truman To America) चाहते थे कि शहर ऐसे हों जिन पर बम गिराने का पर्याप्त असर हो और इसके लिए जापान के इन दोनों शहरों को चुना गया था। क्योंकि इनमें से एक जापान का सातवां बड़ा शहर था और एक देश की गोकु सेना का मुख्यालय था।

एक मिनट के भीतर हिरोशिमा का 80 फीसदी हिस्सा हो गया था राख

हिरोशिमा में सुबह के करीब 8.15 बजे गिराया गए परमाणु बम से ऐसा धमाका हुआ था कि 43 सेकेंड के भीतर ही शहर का 80 फीसदी हिस्सा राख बनकर हवा में उड़ गया था। हिरोशिमा पर किया गया परमाणु हमला दरअसल 1941 को अमेरिका के नौसैनिक बेस पर्ल हार्बर पर किए गए जापानी सेना के द्वारा हमले का बदला था।

परमाणु विस्फोट के बाद जीवित बचे 84 लोगों को पीड़ित के रूप में मिली मान्यता

हाल ही में हिरोशिमा की एक जिला अदालत ने परमाणु विस्फोट के बाद हुई ‘काली बारिश’ से जीवित बचे 84 लोगों को पीड़ितों के रूप में मान्यता दे दी है। अब ये सभी लोग परमाणु विस्फोट के पीड़ितों के रूप में उपलब्ध निःशुल्क चिकित्सीय सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

काली बारिश क्या है

इस परमाणु हमले से नष्ट हुई इमारतों का मलबा और कालिख, बम से निकले रेडियोधर्मी पदार्थ के साथ मिलकर वातावरण में एक मशरूम रूपी बादल के रूप में प्रकट हुआ था। ये पदार्थ वायुमंडल में वाष्प के साथ संयुक्त हो गए जिसके बाद काले रंग की बूंदें धरती पर गिरने लगी जिसे ‘काली बारिश’ कहा गया।

नागासाकी पर गिराया गया बम ज्यादा शक्तिशाली था 

नागासाकी पर गिराया गया बम हिरोशिमा पर गिराए गए बम से अधिक शक्तिशाली था, लेकिन इससे कम लोगों की मौत हुई और शहर की भौगोलिक स्थिति के कारण इसका प्रभाव एक छोटे से क्षेत्र तक ही सीमित रहा। इसका मतलब यह था कि हिरोशिमा की तुलना में नागासाकी में काली बारिश के लिए आवश्यक रेडियोएक्टिव सामग्री कम थी, यही कारण था कि यहां अपेक्षाकृत छोटे से क्षेत्र में ही बारिश सीमित थी।

हिरोशिमा के बाद नागासाकी पर हमला क्यों किया गया

हिरोशिमा पर हुए हमले के बावजूद जापान आत्मसमर्पण के लिए तैयार नहीं हुआ। इसलिए तीन दिन बाद अमेरिका ने नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया। पहले हमले के लिये क्योटो को चुना गया था, लेकिन अमेरिकी रक्षा मंत्री की आपत्ति के बाद नागासाकी शहर को चुना गया। फैट मैन नामक बम 22,000 टन टीएनटी की शक्ति के साथ नागासाकी पर गिराया गया।

आत्मसमर्पण करने की घोषणा

नागासाकी पर परमाणु हमले के एक दिन बाद जापान के सम्राट हीरोहीतो ने अपने कमांडरों को देश की संप्रभुता की रक्षा की शर्त पर मित्र देशों की सेना के सामने आत्मसमर्पण करने का आदेश दे दिया। मित्र देशों ने शर्त मानने से इंकार कर दिया और हमले जारी रखे। उसके बाद 14 अगस्त को एक रेडियो भाषण में सम्राट हीरोहीतो ने प्रतिद्वंद्वियों के पास ‘अमानवीय’ हथियार होने की दलील देकर बिना किसी शर्त के ही आत्मसमर्पण करने की घोषणा कर दी।

जापान पर परमाणु हमला कब-कब हुआ

पहला हमला6 अगस्त 1945  को हिरोशिमा पर अमेरिका ने पहला परमाणु बम गिराया
दूसरा हमला9 अगस्त 1945  को नागासाकी पर अमेरिका ने दूसरा परमाणु बम गिराया

जापान परमाणु हमले में इस्तेमाल हुए बमों के क्या नाम थे

1.पहले परमाणु बम का नाम लिटिल बॉय था
2.दुसरे परमाणु बम का नाम फैट बॉय था

परमाणु हमले के लिए जापान को ही क्यों चुना गया

द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान जर्मनी का साथ दे रहा था। जर्मनी ने मई 1945 में ही आत्मसमर्पण कर दिया था। जुलाई 1945 में अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल और सोवियत नेता जोसेफ स्टालिन, युद्ध के बाद की स्थिति पर विचार करने के लिए जर्मनी के शहर पोट्सडम में मिले, इसका एक कारण यह था कि अभी तक प्रशांत क्षेत्र में युद्ध समाप्त नहीं हुआ था। जापान अभी भी मित्र देशों के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार नहीं था।

पोट्सडम में ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रूमैन को यह जानकारी मिली कि न्यू मेक्सिको में परमाणु बम का परीक्षण सफल रहा। पोट्सडम में ही ट्रूमैन और चर्चिल के बीच इस बात पर सहमति बनी कि यदि जापान तत्काल बिना किसी शर्त के आत्मसमर्पण करने के लिये तैयार नहीं होता तो उसके खिलाफ परमाणु बम का इस्तेमाल किया जाएगा।

जापान के समर्पण नहीं करने के कारण एक अगस्त 1945 को जापान के शहर हिरोशिमा पर परमाणु हमले की तारीख तय की गई। लेकिन तूफान के कारण इस दिन हमले को रोकना पड़ा, इसके पांच दिन बाद यह हमला किया गया।

यह भी पढ़े :

नागासाकी का विकिपीडिया पढने के लिए यहाँ क्लिक करें

FAQ’s

Q. नागासाकी किस देश में है ?

Ans: नागासाकी जापान देश में हैं।

Q. नागासाकी क्या है ?

Ans: नागासाकी जापान का एक शहर है।

Q. नागासाकी का क्या मतलब है ?

Ans: नागासाकी का मतलब “लम्बा प्रायद्वीप” है।

Q. नागासाकी में क्या हुआ था ?

Ans: नागासाकी पर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1945 में अमरीका ने परमाणु बम गिराया था।

Q. जापान कहाँ है ?

Ans: जापान, एशिया महाद्वीप के पूर्व में स्थित देश है।

Q. जापान में कौन सी भाषा बोली जाती है ?

Ans: जापान कि राष्ट्रभाषा जापानी है।

Q. जापान की राजधानी क्या है ?

Ans: जापान की राजधानी टोक्यो है।

Leave a Comment