रवि कुमार दहिया जिन्हे रवि कुमार के नाम से भी जाना जाता हैं एक भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान हैं जिन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक्स में, 57 किलोग्राम की श्रेणी में रजत पदक जीता। रवि दहिया ने 2019 में हुए वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भी रजत पदक जीता था और ये दो बार एशियाई चैंपियन रह चुके हैं।
रवि कुमार दहिया का जन्म 12 दिसंबर 1997 को हरियाणा के सोनीपत जिले के नाहरी गांव में हुआ था। रवि दहिया के पिता का नाम राकेश दहिया है। रवि दहिया का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता एक किसान थे। क्योंकि रवि दहिया के पिता के पास अपनी कोई ज़मीन नहीं थी इसलिए उन्हें दूसरो के खेत किराये पर लेकर खेती करनी पड़ी।
रवि दहिया जिस फील्ड से आते हैं, वहीँ से फोगाट बहनें, बजरंग पुनिया, योगेश्वर दत्त जैसे महान रेसलर भी आते हैं। रवि दहिया भी पहलवानी करना चाहते थे, लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। रवि दहिया ने अपनी इस आर्थिक परेशानी को अपने सपनों के बीच में नहीं आने दिया। उनके साथियो ने उनका पहलवान बनने में पूरा साथ दिया और वे सक्षम हो पाए।
रवि दहिया ने कहा पहलवानी कहाँ से सीखी ?
रवि दहिया ने दिल्ली में स्थित प्रख्यात छत्रसाल स्टेडियम से पहलवानी की ट्रेनिंग ली है। यहां रवि दहिया ने सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त महान खिलाड़ियों को खेलते हुए देखा। यहीं से ट्रेनिंग लेकर रवि दहिया एक अंतर्राष्ट्रीय पहलवान बने।
रवि दहिया के कोच कौन हैं ? (Ravi Kumar Dhaiya Coach)
सतपाल सिंह जी और वीरेंद्र कुमार है जी रवि कुमार दहिया के कोच हैं।
रवि कुमार दाहिया का जीवन परिचय (Ravi Kumar Dahiya Biography In Hindi)
नाम (Name) | रवि कुमार दाहिया |
उम्र (Age) | 24 वर्ष के 2021 में |
जन्म (Date Of Birth) | 12 दिसम्बर 1997 |
जन्म स्थान (Place Of Birth) | नाहरी सोनीपत डिस्ट्रीक्ट, हरियाणा, भारत |
वर्तमान निवास (Current Address) | दिल्ली |
खेल | रेसलिंग |
कोच का नाम (Coach Name) | वीरेंद्र कुमार और सतपाल सिंह |
मातृभाषा (Mother Tongue) | हरियाणवीं |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | अविवाहित |
कुल पदक (Total Medal won) | 5 |
स्वर्ण पदक (Gold Medal) | 2 |
रजत पदक (Silver Medal) | 2 |
कांस्य पदक (Bronze Medal) | 1 |
रवि कुमार दहिया का परिवार (Ravi Kumar Dhaiya Family)
रवि कुमार दहिया के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी लेकिन पहलवानी को लेकर इनके अंदर काफी हद तक मन मे इसे पाने की ज्वाला थी और इसीलिए इन्होंने मुश्किल दौर को पार करते हुए अपनी सफलता की कहानी लिखी।
रवि दहिया के पिताजी के पास कोई भी जमीन नहीं है, जिसके कारण इनका परिवार अपना घर चलाने के लिए दूसरे लोगों के खेतों को किराए पर लेकर काम करते थे। रवि कुमार के पिता जी उनके लिए फल खरीदने के लिए नाहरी गांव से लगभग 40 किलोमीटर का सफर करके दिल्ली आये थे।
टोक्यो ओलंपिक्स में भारत का नाम किया रोशन, सफलता तक का सफर रहा कठिन
रवि दहिया का जन्म एक किसान परिवार में 12 दिसंबर 1997 में हुआ था। रवि के पिता राकेश दहिया, जो एक किसान हैं, रोज़ अपने गाँव से छत्रसाल जाते थे जो उनके गाँव से लगभग 8 -10 किलोमीटर दूर है। एक दशक से भी अधिक समय तक वे छत्रसाल तक अपने बेटे रवि को ताज़ा दूध और फल देने के लिए जाते थे क्यूंकि वो रवि की कुश्ती आहार का हिस्सा थे।
राकेश दहिया भले ही खेतों में दिन रात पसीना बहाते हैं लेकिन किसी जमाने में उन्हें पहलवानी का बड़ा शौक रहा था और उन्होंने सपना देखा था कि देश के लिए मेडल लायेंगे। गरीबी से परेशान वह हिम्मत हार गए और खेती करने लगे।
रवि दहिया के जन्म के बाद उन्होंने बेटे को पहलवानी के लिए प्रोत्साहित किया, जितनी मेहनत उन्होंने अपने बेटे रवि दहिया से करवाई उससे कई ज्यादा मेहनत राकेश दहिया ने खुद की, रवि की म्हणत और पिता के समर्पण का ही नतीजा है कि आज रवि दहिया ने रजत पदक जीतकर हर भारतीय का नाम रोशन किया हैं।
रवि दहिया के पिता राकेश दहिया 8 -10 किलोमीटर का करते थे सफर रोज :
किसानी जरिए परिवार की देखरेख करने वाले राकेश दहिया की मेहनत आज रंग लायी है, रवि कुमार के पिता राकेश दहिया रोजाना नाहरी से दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम बेटे को दूध व फल पहुंचाने जाया करते थे। एक पहलवान की डाइट और फिट रहने के लिए क्या खाना ज़रूरी है इस बात का ख्याल उन्हें भली भाँती था और वे तो खुद भी शौक रखते है ।
राकेश दहिया सुबह जल्दी उठकर बेटे के लिए दूध मक्खन पैक किया करते थे और फिर लगभग 5 किलोमीटर पैदल रेलवे स्टेशन पहुंचा करते थे, आजादपुर स्टेशन उतरकर फिर 2 किलोमीटर का रास्ता पैदल चलकर छत्रसाल पहुंचा करते थे। लगभग 7 किलोमीटर तोह उन्हें पैदल ही चलना पड़ता था इसिलये क्योंकि वो चाहते थे कि उनका बेटा पहलवानी में अपना नाम रोशन करे ।
सच है सपने पूरे करने के लिए सिर्फ सपने देखना ज़रूरी नहीं हैं, उन्हें पूरा करने के लिए संपार्पण और कड़ी मेहनत ज़रूरी हैं। जो रजत पदक रवि दहिया ने जीता हैं, वो उनके पिता, उनके कोच, उनके परिवार और उनकी मेहनत, संयम और दृढ़ निश्चय का प्रतीक है।
रवि कुमार दहिया की ट्रेनिंग और करियर (Ravi Kumar Dahiya Training And Career)
दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम से रवि कुमार दहिया ने पहलवानी की ट्रेनिंग ली है। रवि दहिया ने उनके प्रारंभिक किशोरावस्था में पहलवानी शुरू की और 2015 में आयोजित जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में रवि कुमार ने काफी अच्छा खेल और रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। दुर्भाग्यवश 2017 में उन्हें चोट लग गयी थी जिसके कारण पुरे एक साल तक वे पहलवानी नहीं कर पाए।
ठीक होते ही उन्होंने पहलवानी शुरू की और 2018 में, बुचारेस्ट में आयोजित अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी रवि कुमार दहिया ने रजत पदक जीता। भारत द्वारा, 57 किलोग्राम कि श्रेणी में जीता जाने वाला ये एकमात्र पदक था।
एशियाई रेसलिंग चैंपियनशिप में उन्होंने पांचवा स्थान हासिल किया।
2019 में उनके वर्ल्ड चैंपियनशिप के प्रथम प्रवेश में दहिया ने यूरोपियन चैंपियन अरसेन हारुतयुनयान (Arsen Harutyunyan) को हराया और सेमि फाइनल राउंड में ज़ोर उगेव (Zaur Uguev ) से वे हार गए और उन्होंने रजत पदक जीता।
यहाँ तक का उनका सफर आसान नहीं था। इसके बाद भी उन्होंने 57 किलोग्राम श्रेणी में अपने आप को एक अचे खिलाड़ी के तौर पर सेटल कर लिया था। रवि कुमार दहिया ने सीनियर रेसलर खिलाड़ी उत्कर्ष काले और संदीप तोमर को भी मात दी थी, जिसके कारण उन्हें टोक्यो ओलंपिक में जाने का मौका मिला जहाँ उन्होंने रजत पदक जीता।
रवि कुमार दहिया मैडल (Ravi Kumar Dhaiya Medals)
2015 | जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर पदक जीता। |
2017 | रवि दहिया ने सीनियर नेशनल्स गेम्स में बहुत अच्छा खेला और सेमीफाइनल में पहुंचे, लेकिन चोट लगने के कारण वे खेल से बहार हो गए। |
2018 | रवि दहिया ने अंडर 23 रेसलिंग चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम श्रेणी में रजत पदक हासिल किया था। |
2019 | 2019 – रवि कुमार दहिया ने 57 किलोग्राम इवेंट में ब्रोंज मैडल जीता था, जो वर्ल्ड चैंपियनशिप का कार्यक्रम था। |
2021 | रवि दहिया ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में सिल्वर मेडल जीता। |
रवि कुमार दहिया ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में एशियन चैंपियन रीज़ा अत्रीनाघारची को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया था.
रवि कुमार दहिया का रिकॉर्ड (Ravi Kumar Dhaiya Records)
हिया ने 2015 में अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। उन्होंने प्रो कुश्ती लीग में अंडर-23 यूरोपीय चैंपियन और संदीप तोमर को हराकर खुद को सबके सामने साबित किया।
दहिया के आने से पहले संदीप तोमर का वजन 57 किग्रा वर्ग था, लेकिन कई लोगों ने कहा कि कुश्ती लीग प्रदर्शन आंकने का मंच नहीं है, इसके बाद 2019 विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने सभी निन्दा करने वालो को चुप करा दिया। उन्होंने 2020 में दिल्ली में एशियाई चैंपियनशिप जीती।रवि कुमार दहिया Tokyo ओलंपिक मैच
Tokyo Olympic 2021 में भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ने पुरुषों की फ्रीस्टाइल कुश्ती के 57 KG वर्ग के फाइनल में पहुंचने में सफलता हासिल की थी। रवि कुमार दहिया टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे और बल्गेरियाई पहलवान जॉर्डी वैंगेलोव को 14-4 से हराया।
इस बड़ी जीत के साथ वे सेमि फाइनल में पहुंचे जहा उन्होंने फिर शानदार प्रदर्शन दिया और कज़ाकिस्तान के नुरिस्लाम सनायेव को हराकर फाइनल तक पहुंचे। फाइनल मैच में रवि दहिया ने रजत पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया।
रवि कुमार दहिया पहले राउंड में 2-4 से पिछड़े
वर्ल्ड चैंपियन जावुर ने आक्रामक शुरुआत की और भारतीय पहलवान के खिलाफ दो पॉइंट ले लिए। हालांकि, रवि ने भी जावुर के पैरों पर हमला किया और दो पॉइंट लेकर स्कोर 2-2 से बराबर किया, लेकिन जावुर ने राउंड खत्म होने से ठीक पहले दो पॉइंट लेकर 4-2 से बढ़त ले ली।
दूसरे राउंड में लगाया पूरा जोर, लेकिन नहीं बनी बात दूसरे राउंड की शुरुआत में रवि ने विरोधी पहलवान को दबोचने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह पॉइंट नहीं ले सके। काफी फुर्तीले जावुर ने 3 पॉइंट लेकर 7-2 की बढ़त बना ली। दो पॉइंट अर्जित करने के बाद वह पॉइंट नहीं बना पाए ।
सेमीफाइनल में आखिरी मिनट में खेल एक दाम से ही पलट गया
सानायेव ने दहिया के बाएं पाऊँ पर हमला किया और उन्हें तीन बार पलटाकर छह अंक ले लिये। लेकिन आखिरी मिनट में दहिया ने बाज़ी पलट दी।
कुछ ऐसा रहा सफर
यह सफर बिल्कुल आसान नही था दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13 . 2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14-4 से हराया। पूनिया 86 किग्रा के सेमीफाइनल में हालांकि अमेरिका के 2018 विश्व चैम्पियन डेविड मौरिस टेलर से एकतरफा मुकाबले में हार गए।
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FAQ’s
Q. रवि कुमार दहिया का जन्म कब हुआ था ?
Ans: 12 दिसम्बर 1997
Q. रवि कुमार दहिया ने ओलम्पिक मैडल किस खेल में जीता ?
Ans: रवि कुमार दहिया ने ओलम्पिक मैडल रेसलिंग में जीता।
Q. रवि कुमार दहिया की उम्र क्या है ?
Ans: 24 साल
Q. रवि कुमार दहिया कहा के रहने वाले हैं ?
Ans: रवि कुमार दहिया भारत के राज्य हरियाणा के रहने वाले हैं।
Q. रविकुमार दहिया का वज़न कितना है ?
Ans: 57 किलोग्राम
Q. क्या रवि कुमार दहिया विवाहित हैं ?
Ans: नहीं, रवि कुमार दहिया अविवाहित हैं।