माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हाल ही में यह घोषणा की है कि राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार, जो देश का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है , उसका नाम अब पूर्व दिग्गज हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यान चंद के नाम से जाना जाएगा। प्रधान मंत्री जी ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक्स में पुरुषों और महिलाओं ने जो असाधारण प्रदर्शन किया है, वो सम्पूर्ण भारत में लोगों के भीतर खेल को लेकर उनकी रुचि को फिर से जगाएगा।
ट्विटर यूज़र्स ने किया समर्थन
इस घोषणा के बाद ट्विटर पर कई प्रख्यात व्यक्तियों ने इस घोषणा का समर्थन किया और कहा कि इस तरह के प्रतिष्ठित पुरुस्कारों के नाम राजनेताओं के नाम पर नहीं बल्कि खिलाड़ियों के नाम पर रखे जाने चाहिए तो वहीँ कुछ यूज़र्स ने, जिनमे विपक्षी नेता भी शामिल हैं, कहा कि अहमदाबाद में जो नरेंद्र मोदी नामक स्टेडियम है, उसे भी बदलकर किसी खिलाड़ी के नाम पर रखा जाना चाहिए।
क्रिकेटर इरफ़ान पठान ने ट्वीट किया किआशा करते हैं कि भविष्य में खेल स्टेडियम के नाम भी खिलाड़ियों के नाम पर रखे जाएंगे।
मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार क्या है ?
मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार, जिसे पूर्व में राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड के नाम से जाना जाता था, भारत का खेल के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। यह पुरस्कार हर वर्ष युवा कार्य और खेल मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। यह पुरस्कार भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गाँधी जी के नाम पर रखा गया था।
राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार) प्राप्तकर्ताओं का चुनाव कौन करता है ?
मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार जीतने वाले खिलाड़ियों का चुनाव मंत्रालय द्वारा गठित की गयी समिति के द्वारा किया जाता है और यह पुरस्कार इन चयनित खिलाड़ियों को खेल के क्षेत्र में, चार साल की अवधि में, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनके शानदार और सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।
राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार) की शुरुआत
राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार) की शुरुआत वर्ष 1991-1992 में हुई और इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले सबसे पहले खिलाड़ी हैं शतरंज खेल के दिग्गज श्री विश्वनाथ आनंद। शुरुआत में यह पुरस्कार एक खिलाड़ी को उसके 1 वर्ष के प्रदर्शन के आधार पर दिया जाता था।
वर्ष 2014 की पुरस्कार चयन समिति द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर, खेल मंत्रालय द्वारा फरवरी 2014 में यह मानदंड संशोधित किया गया और एक साल की अवधि की जगह 4 साल की अवधि के प्रदर्शन के आधार पर ये पुरस्कार देने की बात की गयी।
इस पुरस्कार को देने के लिए एक बारह सदस्यीय समिति संगठित की जाती है जो अंत्तराष्ट्रीय इवेंट्स जैस ओलिंपिक, कामनवेल्थ आदि में खिलाड़ियों द्वारा किये गए प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है और मूल्यांकन करने के बाद आगे की मंजूरी के लिए यह समिति अपने रिकमेन्डेशन केंद्रीय युवा कार्य और खेल मंत्री के समक्ष प्रस्तुत करती है।
राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार कब रखा गया ?
राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार अगस्त ६, 2021 को रखा गया। इस पुरस्कार का नाम हॉकी के दिग्गज खिलाडी मेजर ध्यान चंद के नाम पर रखा गया जिन्हे हॉकी खेल के क्षेत्र में बहुत बढ़िया खिलाड़ी माना जाता है। मेजर ध्यान चंद जी ने अपने खेल के करियर में (1926 से 1948 ) तक 1000 से भी ज़्यादा गोल्स किये।
2001 में शूटर अभिनव बिंद्रा ने 18 साल की उम्र में इस पुरस्कार को जीतकर, यह पुरस्कार जीतने वाले सबसे काम उम्र के युवा प्राप्तकर्ता बने।
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FAQ’s
Q. राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर क्या रखा गया है ?
Ans: राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ज्ञान चंद खेल रत्न पुरस्कार रखा गया है।
Q. राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम कब बदला गया ?
Ans: राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम 06 अगस्त, 2021 को बदला गया।
Q. राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम किसने बदला ?
Ans: 06 अगस्त, २०२१ को माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने की घोषणा की।
Q. राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार) की शुरुआत कब हुई ?
Ans: राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार) की शुरुआत वर्ष 1991-1992 में हुई।
Q. राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार) को जीतने वाले पहले खिलाडी कौन है ?
Ans: राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार) को जीतने वाले सबसे पहले खिलाडी शतरंज के खिलाडी विश्वनाथ आनंद जी है।