महंत नरेंद्र गिरी एक प्रख्यात संत और अयोध्या, उत्तर प्रदेश में स्थित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के नेता थे। उनका जन्म सन 1949 में उत्तर प्रदेश में हुआ। वे प्रयागराज स्थित बाघम्बरी मठ में अपने शिष्यों के साथ रहते थे। महंत नरेंद्र गिरी हिन्दू ब्राह्मण थे। महंत नरेंद्र गिरी जी ज्ञानी और परोपकारी थे। वे सारा दान ज़रूरतमंदो और अपनी संगठनों के लिए उपयोग करते थे।
आजकल महंत नरेंद्र गिरी चर्चा में क्यों हैं ?
सितम्बर 20 को महंत नरेंद्र जी की मृत्यु होने के कारण वे काफी चर्चा में हैं। समाचार रिपोर्ट के अनुसार सितम्बर 20 को प्रयागराज स्थित बाघम्बरी मठ में, महंत नरेंद्र गिरी के कमरे में, शाम के समय उनके शिष्यों को उनका शव मिला। उनके शिष्यों ने तुरंत ही पुलिस को बुलाया। कहा जा रहा है कि उन्होंने छत से लटककर आत्महत्या की। उन्होंने सात पन्नों का एक आत्महत्या लेख भी छोड़ा है जिसे पुलिस द्वारा फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
महंत नरेंद्र गिरी की मृत्यु के बारे में सुनकर नहीं हो पा रहा है भरोसा
महंत नरेंद्र गिरी की इस तरह से मृत्यु होने पर किसी को भी यकीन नहीं हो रहा है। उनके करीबी संतो से जब पूछा गया तो उन्होंने भी यही कहा कि ये मानना नामुमकिन है कि महंत नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या की हो। सोशल मीडिया के माध्यम से कई राजनीतिज्ञों ने इस दुखद और आश्चर्यजनक घटना पर शोक जताया। महंत नरेंद्र गिरी की मृत्यु का समाचार सुनकर सभी साधू संत शोक में हैं। उनकी इन संदिग्ध हालातों में मृत्यु के कारण कई सवाल उठ खड़े हुए हैं।
महंत नरेंद्र गिरी का परिवार
महंत नरेंद्र गिरी के परिवार के बारे में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है पर कुछ सूत्रों के अनुसार महंत नरेंद्र गिरी के पिता एक छोटे से व्यवसायी थे और उनकी माँ एक गृहणी थी।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् क्या है ?
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् भारत के हिन्दू संत और साधुओं का एक संगठन है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् में पूरे 14 अखाड़े हैं। निर्मोही अखाड़ा और श्री दत्तात्रेय अखाड़ा दो प्रमुख अखाड़े हैं।
महंत नरेंद्र गिरी के मृत्यु के उपरांत आनंद गिरी चर्चा में क्यों हैं ?
ऐसा कहा जा रहा है कि श्री बाघम्बरी गद्दी मठ को लेकर महंत नरेंद्र गिरी और उनके शिष्य आनंद गिरी के बीच विवाद चल रहा था। आनंद गिरी को स्वामी आनंद गिरी के नाम से भी जाना जाता है। आनंद गिरी महंत नरेंद्र गिरी से हरिद्वार में उनके आश्रम में मिले थे और उनसे मिलने के बाद महंत नरेंद्र गिरी को ऐसा लगा कि आनंद गिरी उनके अच्छे शिष्य बन सकते हैं और वे आनंद गिरी को अपने साथ प्रयागराज ले आये। आनंद गिरी को छोटा महंत भी बुलाया जाता है। आनंद गिरी वर्ष 2007 में निरंजनी अखाड़े का हिस्सा बने।
आनंद गिरी को श्री पंचायती अखाडा निरंजनी ने बाघम्बरी मठ से निकाल दिया था क्योंकि वे अपने परिवार के साथ निरंतर संपर्क में थे और ऐसा करना संन्यास की परंपरा के विरुद्ध है। महंत नरेंद्र गिरी की मृत्यु के बाद आनंद गिरी पर कई उंगलियां उठाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरी की मृत्यु कि दोषी नहीं बक्शे जाएंगे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मंगलवार को महंत नरेंद्र गिरी जी को अंतिम सम्मान दिया और कहा कि महंत नरेंद्र गिरी की मृत्यु के दोषी नहीं बक्शे जाएंगे। उन्होंने ये भी कहा कि महंत नरेंद्र गिरी की मृत्यु की जांच हर तरह से की जा रही है और उनकी मृत्यु का कारण जल्द ही पता लग जाएगा। पुलिस सबूत एकत्रित कर रही है।
योगी आदित्यनाथ जी ने सभी से यह अनुरोध भी किया है कि पुलिस को इस केस की जांच करने दी जाए और इस जांच के दौरान किसी भी तरह के अनावश्यक बयान ना दिए जाएं।
FAQ’s
Q. महंत नरेंद्र गिरी कौन थे?
Ans: महंत नरेंद्र गिरी एक प्रख्यात संत और अयोध्या, उत्तर प्रदेश में स्थित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के नेता थे।
Q. आनंद गिरी कौन है?
Ans: आनंद गिरी, महंत श्री नरेंद्र गिरी के शिष्य हैं।
Q. महंत नरेंद्र गिरी की मौत कैसे हुई?
Ans: तत्काल ख़बरों के मुताबिक महंत नरेन्द्र गिरी ने अपने शिष्य आनंद गिरी से तंग आकर आत्महत्या की।
Q. महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद आनंद गिरी चर्चा में क्यूँ हैं?
Ans: महंत नरेन्द्र गिरी ने आत्महत्या करते वक़्त स्युसाइड नोट में अपने शिष्य आनंद गिरी को उनकी आत्महत्या करने की मुख्य वजह बताया इसलिए अब आनंद गिरी बहुत चर्चा में हैं।
Q. अब आनंद गिरी कहाँ है?
Ans: फिलहाल आनंद गिरी, महंत आनंद गिरी आत्महत्या मामले में पुलिस की हिरासत में है।
Q. महंत नरेंद्र गिरी का परिवार कहाँ है?
Ans: महंत नरेंद्र गिरी के परिवार के बारे में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है पर कुछ सूत्रों के अनुसार महंत नरेंद्र गिरी के पिता एक छोटे से व्यवसायी थे और उनकी माँ एक गृहणी थी।
Q. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् क्या है ?
Ans: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् भारत के हिन्दू संत और साधुओं का एक संगठन है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् में पूरे 14 अखाड़े हैं। निर्मोही अखाड़ा और श्री दत्तात्रेय अखाड़ा दो प्रमुख अखाड़े हैं।