पानी पीने का सही तरीका | Right Way and Time To Drink Water in Hindi

यह बात तो आप सभी लोग आये दिन सुनते या पढ़ते होंगे कि एक व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।  पानी पीना एक अच्छी सेहत पाने के लिए बहुत ज़रूरी है।  खास तौर पर गर्मी के मौसम में तो पानी पीना और भी ज़्यादा आवश्यक होता है।  लेकिन आप में से बहुत लोगों के मन में यह सवाल होगा कि पानी किस समय, कैसे और कितनी मात्रा में पीना चाहिए। 

पानी हमेशा बैठकर आराम से रिलैक्स होकर पीना चाहिए (Sit and drink Water)।  खड़े होकर पानी पीने से पानी हड्डियों के जोड़ में जमा हो सकता है जिससे गठिया(arthritis)  होने का खतरा रहता है ।  एक ही बार में 1 गिलास पानी पूरा पीने की बजाए आपको एक-एक घूंट करके आराम से धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए.

पानी पीने का सही तरीका है बैठकर पानी पीना। अगर आप खड़े होकर पानी पीते हैं  तो पानी तेजी से पेट के निचले हिस्‍से में चला जाता है जिससे पानी के पोषक तत्‍व शरीर को पर्याप्‍त मात्रा में नहीं मिल पाते हैं।

अगर हम कहें कि आपको पानी पीने का सही तरीका नहीं पता है तो आप सोचेंगे कि भई अब इसमें क्या रॉकेट साइंस है। पानी की बॉटल खोली और गट-गट करके पी लिया। लेकिन क्या ये पानी पीने का सही तरीका है?

कहते हैं हर दिन कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है, जिससे पाचन सही तरीके से होता है। पानी पीते रहने से शरीर में चर्बी जमा नहीं होती।  हमारा शरीर लगभग 60 % प्रतिशत पानी से बना है और पानी ही शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक पोषक तत्वों को पहुंचाने में मदद करता है। साथ ही पानी पीते रहने से आप ज्यादा खाने की आदत से खुद को दूर रख सकते है।

गलत समय, गलत तरीके और गलत मात्रा में पानी पीने से पेट में दर्द हो सकता है, पाचन में दिक्कत हो सकती है, डायबीटीज, ब्लड प्रेशर, सिरदर्द, भारीपन, किडनी प्रॉब्लम और सुस्ती जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। पानी पीने का सही तरीका जानना बेहद जरूरी है ताकि आप बीमार न पड़ें।

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हमेशा स्वस्थ रहने के लिए पानी पिएं

स्वस्थ रहने का सबसे आसान तरीका है पर्याप्त मात्रा में पानी पीना।  अच्छे सवास्थ्य और पानी का आपस में गहरा सम्बन्ध है।  यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीयेंगे तो इसके नुक़सान आपके शरीर में दिखने लगेंगे। पानी पीने से हमारे शरीर के तरल पदार्थ संतुलित रहते हैं और इन शारीरिक तरल पदार्थों का संतुलित रहना बहुत ज़रूरी है क्योंकि इनका काम है शरीर के तापमान को बनाये रखना , पाचन में मदद करना, लार बनाना आदि। पानी पीने से शरीर की चर्बी भी कम होती है और जो लोग वज़न कम करना चाहते हैं उनके लिए पानी पीना बेहद फायदेमंद है।     

साथ ही पानी पीने से जोड़ व मांसपेशियां भी मज़बूत होती हैं।  पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से किडनी भी बेहतर तरह से काम करती है और किडनी में पथरी होने की समस्या का खतरा भी कम रहता है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है और कब्ज़ जैसी परेशानी नहीं होती।

खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए

आयुर्वेद के अनुसार पानी पीने का सही तरीका बैठकर पानी पीना है। अगर आप खड़े होकर पानी पीते हैं, तो पानी तेजी से पेट के निचले हिस्‍से में चला जाता है जिससे पानी के पोषक तत्‍व शरीर को पर्याप्‍त मात्रा में नहीं मिल पाते हैं।

खड़े होकर पानी पीने की वजह से आपकी प्यास बुझ नहीं पाती है। पानी पीने के बावजूद बार-बार लगता रहता है कि आपको प्यास लग रही है। अगर आप अपनी प्यास बुझाना चाहते हैं तो खड़े होकर पानी पीना छोड़ दें। इसकी बजाय हमेशा एक जगह बैठकर गिलास में पानी पीएं। प्यास लगने पर गिलास से छोटे-छोटे घूट भरें। ​गट-गट करके नहीं सिप-सिप करके पिएं पानी ।

पानी को एक बार गट-गट करके पीने की बजाए सिप-सिप कर धीरे-धीरे पीना चाहिए। इसका कारण यह है कि जब हम पानी पीते हैं, तो हमारी लार भी पानी में मिलकर अंदर जाती है। पानी को धीरे-धीरे पीने से पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद मिलती है।

एक ही बार में 1 गिलास पानी पूरा नहीं पीना चाहिए। जिस तरह खाने के बारे में कहा जाता है कि खाना चबा-चबा कर खाना चाहिए, उसी तरह एक बार में पानी पीने की बजाए एक-एक घूंट (Sip-Sip water) करके आराम से धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए.

खाना खाने से पहले या बाद पानी न पिएं

खाना खाने के तुरंत पहले पानी नहीं पीना चाहिए। आयुर्वेद में बताया गया है कि हमारे पेट में क्षुदा अग्नि के कारण हमें भूख लगती है ,यदि  हम पानी पी लेते हैं तो यह क्षुदा अग्नि बुझ जाती है और हमारी भूख कम हो जाती है।

पेट में उपजी क्षुदा अग्नि ही भोजन के पाचन में मदद करती है, इसलिए खाना खाने के तुरंत बाद भी पानी नहीं पीना चाहिए।  ऐसा करने से पाचन की समस्या हो सकती है।  इसलिए खाना खाने के बाद आधे घंटे का गैप रखने की सलाह दी जाती है।  आधा घंटे बाद आप पानी पी सकते हैं।

जरूरत से ज्यादा भी ना पिएं पानी

विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि एक व्यक्ति जरूरत से ज्यादा पानी पीता है तो उसकी किडनी पर ज़रुरत से ज़्यादा  प्रेशर पड़ता है, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। जरूरत से ज्यादा पानी पीने से किडनी को अपनी क्षमता से ज्यादा काम करना पड़ता है जिससे सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसीलिए जितनी आवश्यकता हो उतना ही पानी पीना चाहिए।

दिन भर थोड़ा थोड़ा पानी पीते रहे

दिन भर पानी के छोटे छोटे घूंट लेते रहें, अगर आप एक बार में बहुत सारा पानी पीते हैं, तो आपका शरीर इसको अवशोषित करने में सक्षम नहीं होगा।

त्वचा के लिए भी बेहतरीन है पानी

पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से त्वचा हाइड्रेटेड रहती है। पानी पीने से त्वचा मुलायम बनी रहती है और त्वचा पर झुर्रियां और उम्र बढ़ने के निशान भी नहीं आते।

कितना पानी पीना चाहिए ? 

एक व्यक्ति को एक दिन में कितना  पानी पीना चाहिए ये बहुत सी बातों पर निर्भर करता है जैसे – आपका मेटाबोलिज्म, कद, वज़न और आपका रोज़ का रूटीन। सामान्यतः व्यस्क लोगों को 1 दिन में 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए।  बाकी यदि आप कोई क्रीड़ा करते हैं जिसमे आपकी बहुत एनर्जी लगती हो या ज़्यादा गर्मी में काम करते हैं तो आपको पानी की मात्रा बड़ा लेनी चाहिए।  साथ ही जब भी आपको प्यास लगे तो प्यास ना रोकें, उस समय पानी ज़रूर पिएं और यदि आपका पेट भरा हुआ है तो सिर्फ शरीर को हाइड्रेट करने के लिए पानी ना पिएं इससे आपका पेट और भारी लगेगा। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की डाइअटेरी गाइडलाइन्स के मुताबिक एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में आठ ग्लास (दो लीटर) पानी पीना चाहिए।

ये समझिये कि आपके शरीर को हाइड्रेटेड और  स्वस्थ रहने के लिए साथ ही प्यास बुझाने के लिए  पानी की ज़रुरत है।  इसीलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ना ज़रुरत से ज़्यादा ना ज़रुरत से कम। 7 – 8  गिलास पानी पीने की कोशिश करें बाकी आप ज़रुरत के अनुसार इस मात्रा को बढ़ा सकते हैं। 

कैसा पानी पिएं ?

कई लोगों कि आदत होती है कि गर्मी में बाहर से आने के तुरंत बाद ही फ्रिज का एकदम चिल्ल्ड पानी पीते हैं।  ये आदत गलत है।  कितनी भी ज्यादा गर्मी क्यों ना पड़ रही हो कभी भी फ्रिज का बहुत ज्यादा ठंडा पानी या बर्फ का पानी ना पिएं। हमेशा सामान्य तापमान का या हल्का ठंडा पानी ही पिएं।

कई लोगों को लगता है कि फ्रिज  का बहुत ज्यादा ठंडा पानी उनके शरीर में ठंडक पहुंचाता है जबकि ऐसा नहीं है। बर्फ का पानी जब हमारे शरीर में जाता है तो शुरुआत में वह बहुत ठंडा होता है, लेकिन कुछ ही देर में वह बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है और हमारे शरीर को ठंडा करने की बजाय गर्म करने लगता है। जो लोग हमेशा ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं उनके शरीर में पानी के साथ साथ खाना भी ठीक तरह से नहीं पचता है और साथ ही सर में दर्द, अपाचन और कब्ज आदि  समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए हमेशा ठन्डे पानी की जगह सामान्य तापमान का ही पानी पिए या फिर हल्का गर्म करके पिएं।

ठंड और बारिश के मौसम में गर्म पानी पीने से हमारे शरीर को कई तरह के लाभ मिलते हैं क्योंकि गर्म पानी पीने से भोजन जल्दी पचता है,

और खासकर जिन लोगों को अक्सर कब्ज या जोड़ों में दर्द रहता है उन्हें हमेशा हल्का गरम पानी ही पीना चाहिए।गर्म पानी पीना सर्दी, जुकाम और साइनस की समस्याओं में बहुत लाभकारी होता है।

आइये जानते हैं गरम या गुनगुना पानी पीने के फायदे :

1.गरम पानी पीने से बंद नाक से राहत मिलती है।
2.गरम पानी पीने से पेट साफ़ रहता है और कब्ज़ की समस्या से छुटकारा मिलता है।
3.सर्दी के मौसम में गरम पानी पीने से शरीर से कम्पन दूर होती है।
4.Achalasia यानी एकेलेसिआ की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए गरम पानी बेहद फायदेमंद है। इस समस्या से जूझ रहे लोगों को खाना निगलने में दिक्कत होती है क्योंकि खाना पेट में जाने के बजाय esophagus यानी अन्नप्रणाली में फंस जाता है। गरम पानी पीने से इस समस्या से जूझ रहे लोगों को खाना पचाने में आसानी रहती है।
5.गरम पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ता है जिससे पसीना आता है और पसीने के साथ शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं।
6.यदि आप किसी प्रकार के तनाव या टेंशन से गुज़र रहे हैं तो गरम पानी का एक गिलास इस तनाव या टेंशन से राहत पाने में आपकी मदद करेगा।
7.सुबह खाली पेट गरम पानी पीने से पाचन तंत्र बेहतर तरह से काम करता है और यह आपको वज़न कम करने में भी मदद कर सकता है।
8.गरम पानी आपके दांतो के लिए भी अच्छा है
9.गरम पानी पीने से शरीर में खून का प्रवाह बढ़ता है और मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं।
10.महिलाओं को मासिक धर्म के कारण जो असहनीय दर्द होता है, उस दर्द को कम करने में भी गरम पानी लाभकारी है। इससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और मांसपेशियों में ऐंठन भी कम होती है। गरम पानी पीने से सिर में रूसी की समस्या भी दूर होती है।

पानी पीने के लिए कितना गरम होना चाहिए

पानी इतना भी गरमा ना हो कि आपका मुँह या गला जल जाए। जब आप पानी में ऊँगली डाले तो आपको ऊँगली जलने का एहसास नहीं होना चाहिए, पीने के लिए पानी इतना ही गरम होना चाहिए। ज़्यादा मात्रा में गरम पानी ना पिएं और हमेशा गरम पानी पीने से पहले एक घूँट पीकर देखें की कही पानी ज़्यादा गरम तो नहीं।  ज़्यादा गरम पानी पीने से मुँह में छालें हो सकते है और मुँह भी जल सकता है जिससे कुछ भी खाते या पीते समय आपको परेशानी हो सकती है। अपनी ज़रुरत के हिसाब से गरम पानी पिएं और ज़्यादा गरम पानी पीने से बचें।  

पानी पीने से त्वचा (Skin) पर क्या असर होता है

पानी पीना आपकी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है। कोमल और निखरी त्वचा पाने के लिए ना जाने हम कितनी प्रकार की क्रीम्स खरीदते हैं और कई घरेलु नुस्खे अपनाते हैं लेकिन बहुत लोग यह बात नहीं जानते कि  पानी पीने से त्वचा में निखार भी आता है और चमक भी बनी रहती है। 

कई लोग जो बहुत तेज़ी से अपना वज़न कम कर देते हैं अकसर उनकी त्वचा में ढीलापन आने लगता है। अपनी त्वचा को टाइट करने के लिए वे कई उपायें अपनाते हैं यहाँ तक कि  चिकित्सक  से भी परामर्श लेते हैं लेकिन यदि आप प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएंगे तो इससे आपकी त्वचा टाइट और चमकदार बनेगी। 

पानी पीना आपकी त्वचा (Skin) के लिए बहुत फायदेमंद है , चलिए जानते हैं कैसे :

पानी पीने से त्वचा एकदम निखर जाती है और आपका चेहरा एकदम चमकने लगता है, निचे दिए गए पॉइंट्स को ध्यान से पढ़िए

पानी पीने से शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और त्वचा चमकदार बनती है 

पानी पीने से आपके शरीर में जो टॉक्सिन्स यानी विषैले तत्त्व होते हैं वे शरीर से बाहर निकल जाते हैं, खासतौर पर वो टॉक्सिन्स जो आपके शरीर को बहुत ज़्यादा नुकसान  पंहुचा सकते हैं।  इन टॉक्सिन्स के बाहर निकलने से आपकी त्वचा और शरीर दोनों ही स्वस्थ रहेंगे।  कुछ स्टडीज में यह पाया गया है की मात्र 2   कप पानी पीने से ही त्वचा तक खून का प्रवाह बढ़ जाता है और त्वचा बेहतर होती है। 

पानी पीने से तंत्रिका तंत्र सही तरह से काम करता है

पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने से nervous system  यानी तंत्रिका तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है और इससे आपका मूड और मस्तिष्क द्वारा किये जाने वाले कार्य दोनों ही प्रभावित होते है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से तंत्रिका तंत्र बेहतर तरह से काम करता है साथ ही मूड भी अच्छा रहता है। 

पानी पीने से चेहरे पर दाग और निशान कम होते हैं

पानी पीने से आपका शरीर हाइड्रेटेड और तरो ताज़ा रहता है और आपकी त्वचा की इलास्टिसिटी को बनाने में मदद करता है।  पर्याप्त मात्रा में पानी पीने वाले लोगों को चेहरे पर निशान, झुर्रियां आदि समस्याएं पानी कम पीने वालों की तुलना में बहुत कम होती हैं।  बढ़ती उम्र के साथ शरीर को पानी रोकने में मुश्किल होती है , ऐसे में ज़्यादा पानी पीकर आप अपनी त्वचा को टाइट रख सकते हैं। 

पानी पीने से त्वचा में ढीलापन नहीं आता

बढ़ती उम्र के साथ त्वचा ढीली पड़ने लगती है लेकिन कई बार कुछ लोगों की त्वचा में कम उम्र में ही ढीलापन आने लगता है।  इसका कारण होता है शरीर में पानी की कमी यानि डिहाइड्रेशन। आपकी त्वचा कहीं ढीली तो नहीं पढ़ रही यह देखने के लिए हलके से अपनी त्वचा को खींचकर देखिये कि आपकी त्वचा उछलकर वापिस जाती है या नहीं। यदि नहीं तो आपको अधिक पानी पीने की आवश्यकता है जिससे की कोशिकाएं प्लम्प हो सके। त्वचा में ढीलापन आने की वजह से आँखों के नीचे काले घेरों की समस्या भी होने लगती है।

पानी पीने से धूप से झुलसी हुई त्वचा जल्दी ठीक होती है

धूप में बाहर निकलने के कारण त्वचा झुलस जाती है या टैन हो जाती है।  इससे बचने के लिए हमेशा सनस्क्रीन  लगाकर ही बाहर निकलें पर साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ  , ऐसा करने से आपकी झुलसी हुई या टैन्ड त्वचा जल्दी ठीक हो पाएगी।

पानी पीने से कील मुहांसों की शिकायत भी नहीं होगी

बहुत से लोगो के चेहरे पर कील मुहांसे हो जाते हैं।  गर्मी के समय में ये समस्या बढ़ जाती है क्योंकि चेहरे पर पसीना आता है और उमस में तो चिपचिपाहट भी होने लगती है।  ऊपर से धूल मिट्टी अलग।  इन सब कारणों से कील मुहांसे होने की सम्भावना और भी ज़्यादा बढ़ जाती है।  कुछ टॉक्सिन्स ऐसे होते हैं जो आपके चहरे के  छिद्रों को बंद कर देते हैं और इस कारण से कील मुहाँस होने लगते हैं।  जितना ज़्यादा पानी पिएंगे ये छिद्र उतना ही कम बंद होंगे और कील मुहांसों की शिकायत भी नहीं होगी। पानी पीने से चेहरे की त्वचा में जो पानी और तेल होता है उनके बीच संतुलन बना रहता है और  चिकनाई भी कम होती है और कील मुहांसे नहीं होते।

पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से त्वचा का रूखापन दूर होता है

जो लोग पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते उनकी त्वचा एकदम रूखी हो जाती है जिस कारण उन्हें खुजली होने लगती है। कई बार रूखी त्वचा होने के कारण त्वचा में दरारें भी पड़ने लगती हैं।  पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से त्वचा रूखी नहीं होती और खुजली भी नहीं होती।

पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने के कई नुक़सान हैं। कुछ नुक़सान नीचे दिए गए हैं :

1.पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने से किडनी में पथरी की समस्या हो सकती है।
2.पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने से कब्ज़ की समस्या होने की सम्भावना रहती है
3.पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने के कारण पेशाब कम होती है जिससे कि इन्फेक्शन भी हो सकता है।
4.पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने से जोड़ और मांसपेशियां कमज़ोर हो सकती है।
5.पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने से शरीर में सुस्ती और थकावट महसूस होती है।
6.पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने से चेहरे की त्वचा में निखार नहीं रहता साथ ही समय से पहले ही झुर्रिया पड़ने लगती हैं।
7.पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने से सिर दर्द की समस्या भी होती है।
8.पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने से पाचन तंत्र सही से काम नहीं करता।
9.पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने से पसीना काम आता है और शरीर के भीतर जो टॉक्सिन्स है वे बाहर नहीं निकलते।
10.पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने से शरीर की चर्बी आसानी से नहीं घटती।

गर्मी के मौसम में कितना पानी पीना चाहिए ?

गर्मी के मौसम में  पानी पीने की ज़रुरत और भी ज़्यादा बढ़ जाती है क्यूंकि इस मौसम में शरीर में डिहाइड्रेशन यानी निर्जलीकरण होने की अधिक सम्भावना होती है। गर्मी के मौसम में 7 -8  गिलास पानी पिएं जो आपको आम तौर पर भी पीना ही चाहिए लेकिन अगर आप थका देने वाली कसरत करते है जिसमे आपका खूब पसीना आता हो तो 8 -10  गिलास पानी पिएं। सर्दी की तुलना में गर्मी में ज़यादा पानी की ज़रुरत होती है क्योंकि गर्मी के मौसम में पसीना ज़्यादा आता है और थकान भी ज़्यादा महसूस होती है।  इसीलिए गर्मी के मौसम में ज़्यादा पानी पिएँ।

ज़रुरत से ज़्यादा पानी ना पिएं


आप सभी ने सुना होगा की किसी भी चीज़ की ‘अति’ अच्छी नहीं होती यानी किसी भी चीज़ का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल करना अच्छी बात नहीं है। पानी भी पर्याप्त मात्रा में ही पीना चाहिए। ज़रुरत से ज़्यादा पानी पीना सेहत के लिए अच्छा नहीं है। ज़रूरत से ज़्यादा पानी पीने के कारण सिर दर्द या उनींदापन जैसी परेशानियां हो सकती हैं। यदि आपको प्यास नहीं लगी है तो ज़बरदस्ती पानी ना पिएं। यदि आपको बार बार पेशाब जाना पद रहा हैं तो इसका यह मतलब कि आप ज़रुरत से ज़्यादा पानी पी रहे हैं। स्वस्त रहना हैं तो ज़रुरत से ज़्यादा या कम पानी ना पिएं।

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FAQ’s

Q. पानी पीने के क्या फायदे हैं ?

Ans: पानी पीने से पाचन तंत्र मज़बूत होता है , कब्ज़ की परेशानी नहीं होती , सिर दर्द कि समस्या दूर होती है और त्वचा भी साफ़ और सुन्दर बनती है।

Q. एक दिन में कितने गिलास पानी पीना चाहिए ?

Ans: हर व्यक्ति को अपने वज़न, कद और मेटाबोलिज्म आदि के हिसाब से पानी पीना चाहिए। पर आम तौर पर एक व्यस्क व्यक्ति को 1 दिन में 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए।

Q. कैसा पानी पीना चाहिए ?

Ans: पानी सामन्य तापमान का पीना कहहिये जो ना ही ज़्यादा गरम हो ना ही ज़्यादा ठंडा। अधिक ठंडा या बर्फ का पानी तो बिलकुल भी नहीं पीना चाहिए।

Q. एक व्यक्ति की शरीर में कितना प्रतिशत पानी होता है ?

Ans: एक व्यक्ति की शरीर में लगभग 60 % पानी होता है।

Q. पानी पीना का गलत तरीका क्या है ?

Ans: खड़े होकर पानी पीने का तरीका गलत है। पानी हमेशा बैठकर पीना चाहिए।

Q. पानी पीने का सही तरीका क्या है ?

Ans: पानी पीने का सही तरीका है बैठकर और धीरे धीरे पानी पीना।

Q. पानी पीने से त्वचा को क्या फायदा होता है ?

Ans: पानी पीने से एक व्यक्ति कि त्वचा साफ़, सुन्दर, कोमल और स्वस्थ रहती है।

Q. क्या कम पानी पीने से झुर्रियां पड़ सकती है ?

Ans: हां, पानी कि कमी से त्वचा हाइड्रेटेड नहीं रहती और रूखी हो जाती है, जिस कारण त्वचा में झुर्रियां और दरारें पड़ने लगती है।

Q. गरम पानी पीने की क्या नुक़सान है ?

Ans: गरम पानी पीना सेहत के लिए अच्छा है लेकिन ज़्यादा गरम पानी पीने से आपका मुँह और गला जल सकता है।

Q. कितना गरम पानी पीना चाहिए ?

Ans: ज़रुरत से ज़्यादा गरम पानी ना पिएं। पानी पीने से पहले एक घूँट पीकर देखें कि कहीं पानी ज़्यादा गरम तो नहीं।

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